क्या पराली के धुएं से बढ़ेगा कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा? HC ने केंद्र और सम्बंधित राज्य सरकारों से मांगा जवाब
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली समेत पड़ोसी राज्यों यानी हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को एक साथ बैठकर इस समस्या से निजात दिलाने के लिए उपाय करने चाहिए.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली समेत समूचा उत्तर भारत पिछले कुछ सालों से सर्दी आने से पहले जिस तरह से गैस चैंबर में तब्दील हो जाता है, उसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हुई है. अब इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकारों के प्रदूषण नियंत्रण विभाग को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है. याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली से सटे पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जलाई जाने वाली पराली पर रोक लगाई जाए जिससे कि इसके चलते हैं होने वाले वायु प्रदूषण को वक्त रहते रोका जा सके और दिल्ली समेत समूचे उत्तर भारत को गैस चेंबर में तब्दील होने से बचाया जा सके.
दिल्ली हाइकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि इस वक्त समूचे विश्व में कोरोना वायरस फैल रहा है और अगर पिछले कुछ सालों की तरह ही पराली इस साल भी जलाई जाती है तो इससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाएगा, क्योंकि इसके उठने वाले धुएं का सीधा असर फेफड़ों पर पड़ता है, फेफड़े कमजोर होते हैं, जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है. लिहाजा कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भी जरूरी है कि पराली जलाने पर लगाम लगाई जाए.
याचिका में कहा गया है कि कोरोना कि वजह से देश में 92,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस संक्रमण से मौतों की एक बड़ी वजह फेफड़ों के कमजोर होने की वजह से होने वाली सांस की दिक्कत और ऑक्सीजन के लेबल में कमी को बताया जाता है. याचिका में कहा गया है कि अगर पराली को जलने से समय रहते नहीं रोका गया तो इससे जो धुआं फैलेगा और वायु प्रदूषण होगा, उससे लोगों के फेफड़े और ज्यादा कमजोर हो जाएंगे. इस वजह से कोरोना संक्रमण होने का खतरा और ज्यादा बढ़ जाएगा. लिहाजा जरूरत इस बात की है कि वक्त रहते पराली को जलाने से रोका जाए जिससे कि इस खतरे से बचा जा सके.
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली समेत पड़ोसी राज्यों यानी हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को एक साथ बैठकर इस समस्या से निजात दिलाने के लिए उपाय करने चाहिए. जिससे कि वक्त रहते ही पराली को जलाने से रोका जा सके.
फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट ने अब इस मामले पर केंद्र समेत राज्य सरकारों के प्रदूषण नियंत्रण विभाग से जवाब मांगा है और इस मामले की अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी.
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