पुडुचेरी में आज कांग्रेस-डीएमके गठबंधन सरकार गिर गई. मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी को आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से होकर गुजरना था, हालांकि सरकार के गिरने के बाद ही उन्होंने अपना इस्तीफा उपराज्यपाल तमिलिसाई साउंडराजन को सौंप दिया. केंद्र शासित पुडुचेरी में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में यह देखा जाना बाकी है कि उपराज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करते हैं या एनआर कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं.
कैसे गिरी नारायणसामी सरकार?
पुडुचेरी में विधानसभा की कुल 33 सीटें हैं. इनमें से तीन सदस्य मनोनीत होते हैं. कांग्रेस के पांच विधायकों और सहयोगी डीएमके के एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया था. वहीं, एक विधायक को आयोग्य ठहरा दिया. ऐसे में अब विधानसभा में सदस्यों की संख्या घटकर 26 रह गई. इस स्थिति में अल्पमत में आई नारायणसामी सरकार को 14 विधायकों का समर्थन चाहिए था, लेकिन सरकार अपने नंबर पूरे नहीं कर सकी और गिर गई. इसके लिए सीएम नारायणसामी ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ''पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी और केन्द्र सरकार ने विपक्षियों के साथ मिलकर सरकार गिराने की कोशिश की.''
गौरतलब है कि साल 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. तब कांग्रेस के पास कुल 15 विधायक थे. इसके बाद कांग्रेस ने सहयोगी डीएमके के चार और एक निर्दलीय उम्मीदवार का साथ मिलने के बाद सरकार बनाई.
राज्य में विपक्ष की हालत
विपक्ष के पास अभी 14 सदस्य हैं, जिसमें सात एनआर कांग्रेस के चार एआईएडीएमके के और तीन मनोनीत सदस्य हैं, जिन्हें तत्कालीन राज्यपाल किरण बेदी ने चुना था. ऐसे में विपक्ष चाहे तो सरकार बनाने के लिए दावा पेश कर सकता है, लेकिन पहले उपराज्यपाल को विपक्ष को सरकार बनाने के लिए न्योता देना होगा.
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