नई दिल्ली: बुधवार को लोकसभा में कुछ सांसदों के सदन में कागज फाड़कर उड़ाने और तख्तियां फेंकने की घटना को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बेहद गम्भीरता से लिया है. इस घटना में शामिल सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित करने की कार्रवाई तो फिलहाल टलती हुई दिख रही है लेकिन लोकसभा स्पीकर ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई करने के लिए एक कमिटी बनाने पर विचार कर रहे हैं.


दरअसल, बुधवार को लोकसभा में हुई घटना के बाद करीब 10 सांसदों को पूरे मॉनसून सत्र के लिए निलंबित करने की पूरी तैयारी हो चुकी थी. सूत्रों के मुताबिक सरकार की ओर से इस बारे में एक प्रस्ताव लाने की भी तैयारी हो रही थी लेकिन लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की लोकसभा स्पीकर से दो बार हुई मुलाकात के बाद इसे फिलहाल टाल दिया गया है.


अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर से कठोर कार्रवाई ना करने का किया आग्रह


सूत्रों के मुताबिक अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर से इन सांसदों के खिलाफ कठोर कार्रवाई न करने का आग्रह किया. चौधरी ने स्पीकर को भरोसा दिलाया कि सभी सांसद दोबारा ऐसा नहीं करेंगे, लेकिन ऐसा करते हैं तो फिर कठोर कार्रवाई की जाए.


सूत्रों के मुताबिक अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर से कहा कि उनके सांसद जनता के मुद्दे उठाना चाहते थे. इन मुलाकातों के बाद स्पीकर के रुख में थोड़ी नरमी के संकेत तो मिले हैं लेकिन इस मुद्दे पर अंतिम फैसला आज होने की संभावना है.


स्पीकर ठोस कदम उठाने के पक्ष में हैं


हालांकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए स्पीकर ओम बिरला कोई ठोस कदम उठाने के पक्ष में हैं. सूत्रों के मुताबिक स्पीकर ऐसे मामलों पर फैसला करने के लिए एक नई कमिटी बनाने का फैसला कर सकते हैं. कमिटी का काम ऐसी घटनाओं में शामिल सांसदों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सम्बन्धी अनुशंसा करना होगा.


बीते हफ्ते टीएमसी सांसद को किया गया था निलंबित


बार-बार अनुशासन और मर्यादा तोड़ने वाले सांसदों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने पर विचार हो सकता है. उदाहरण के लिए, अगर कोई सांसद सदन में ऐसा आचरण करे कि उसे दूसरी बार निलंबित करना पड़े तो ऐसे सांसद को लोकसभा के बचे हुए पूरे कार्यकाल के लिए सदन से बाहर कर दिया जाएगा. पिछले हफ्ते जब राज्यसभा में कागज फाड़ने की घटना हुई थी तो टीएमसी सांसद शांतनु सेन को पूरे मॉनसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया.


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