कोरोना का कहर: क्या दिल्ली में दोबारा लॉकडाउन लगेगा, जानिए सरकार का आधिकारिक बयान क्या है
दिल्ली में एक नवंबर से 16 नवंबर के बीच कोरोना वायरस के एक लाख से अधिक नये मामले दर्ज किये गये और करीब 1,200 संक्रमितों की मौत हुई है,
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्र से उन बाजारों में लॉकडाउन लागू करने का अधिकार देने की मांग की जो संक्रमण के केंद्र के रूप में उभर सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में बीते एक दिन में कोरोना के 6396 नए मरीज सामने आए हैं जबकि इसी दौरान 99 लोगों की मौत भी हुई है.
16 दिन में एक लाख नए मामले, 1200 लोगों की मौत
दिल्ली में एक नवंबर से 16 नवंबर के बीच कोरोना वायरस के एक लाख से अधिक नये मामले दर्ज किये गये और करीब 1,200 संक्रमितों की मौत हुई है, वहीं करीब 94,000 रोगी इस अवधि में संक्रमण से उबरने में सफल रहे. आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है.
दिल्ली से नोएडा आने वाले लोगों का होगा रैंडम कोविड टेस्ट
दिल्ली से नोएडा आने वाले लोगों का रैंडम कोरोना टेस्ट होगा. गौतमबुद्ध नगर जिले के प्रशासन ने यह जानकारी दी है. कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली से आने वालों की औचक कोविड-19 जांच करने का फैसला जिलाधिकारी सुहास एल वाई की जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मंगलवार को हुई ऑनलाइन बैठक में लिया गया. इसके लिए गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने एक्शन प्लान तैयार किया है.
बताया जा रहा है कि इलाकों को माइक्रो कंटेनमेंट जोन में तब्दील किया जाएगा. जहां एक से ज्यादा संक्रमित व्यक्ति मिलेगा, वहां टारगेट सैंपलिंग की जाएगी. इसमें डिलीवरी ब्वॉय, दुकानदार और रिक्शा चालक सहित अन्य लोग शामिल होंगे. जिलाधिकारी ने साफ किया कि नोएडा और दिल्ली के बीच लोगों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं होगी.
दिल्ली में कोविड से निपटने के लिए जांच क्षमता दोगुनी करने समेत कई फैसले लिए गए: केंद्र केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि से निपटने के लिए कोविड-19 के लिए जांच क्षमता दोगुनी बढ़ाकर प्रति दिन एक लाख से 1.2 लाख तक करने और आईसीयू बेड बढ़ाकर 6,000 से अधिक करने समेत कई फैसले लिए गए हैं.
मंत्रालय ने कहा कि निरूद्ध क्षेत्रों और अन्य संवेदनशील इलाकों में उपचाराधीन मरीजों की घर-घर निगरानी बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है, जिसके लिए 7,000-8,000 टीमों को इस काम में लगाया जाएगा. वर्तमान में इसके लिए 3,000 टीमें हैं.
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