जिस तरह से देश में कोरोना का कहर जारी है उसी तरह से देश में फर्जी जानकारी और अफवाहों की सुनामी आई हुई है. इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है. इस ट्वीट में नोबेल पुरस्कार प्राप्त फ्रांस के वायरोलॉजिस्ट लुस मोंटेजनियर Luc Montagnier ने दावा किया है कि जो लोग कोरोना के लिए वैक्सीन ले रहे हैं, वे दो साल के अंदर मर जाएंगे. हालांकि पहले ही साबित हो चुका था कि यह ट्वीट फर्जी था. इसमें लुस के नाम से ट्वीट में फर्जी तरीके से फोटो लगाई गई थी और उनके नाम से लिखा गया था कि जितने भी लोग वैक्सीन ले रहे हैं, सभी दो साल के अंदर मर जाएंगे.  


 


 


अब केंद्र सरकार ने आधिकारिक रूप से कह दिया है कि ऐसे फर्जी ट्वीट या अन्य मैसेज को एक-दूसरे को फॉरवार्ड न करें. केंद्र सरकार ने मंगलवार को ट्वीट कर इस फर्जी ट्वीट के खिलाफ लोगों को सामने आने का आह्वान किया है. ट्वीट में केंद्र ने कहा नोबल वैज्ञानिकी की फोटो के साथ जो दावा किया जा रहा है वह फेक है. कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह सेफ है. ऐसे मैसेज को कोई भी फॉरवर्ड न करें. केंद्र सरकार के प्रेस ब्यूरो ने इस संबंध में ट्वीट किया है. पीआईबी के फैक्ट चैक में ये दावा पूरी तरह से झूठा साबित हुआ है. पीआईबी ने इस संबंध में एक ट्वीट करते हुए कहा कि देश में लगाई जा रही वैक्सीन सुरक्षित हैं, उनसे किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है.


फोटो के साथ किया जा रहा दावा फेक
पीआईबी ने लिखा कि सोशल मीडिया पर COVID19 वैक्सीन को लेकर एक फ्रांसीसी नोबेल पुरस्कार विजेता के बयान का उदाहरण देने वाली एक तस्वीर वायरल हो रही है. तस्वीर में किया जा रहा दावा फेक है. कोरोना वैक्सीन सुरक्षित है. पीआईबी ने ट्वीट के जरिए लोगों से इस अफवाह को न फैलाने की अपील करते हुए कहा कि इस इमेज को फॉर्वर्ड न करें.


फेक वायरल पोस्ट में किया था
सोशल मीडिया पर जो तस्वीर वायरल हो रही है, उसमें नोबेल विजेता लूक मोनटागनाइर के हवाले से एक बयान का जिक्र किया गया. जिसमें कहा गया है कि वैक्सीन लेने वाले सभी लोगों की 2 साल के अंदर मौत हो जाएगी. किसी भी तरह की वैक्सीन लेने वालों के बचने की कोई संभावना नहीं है. इस बयान में ये भी कहा गया कि जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, उनका इलाज संभव नहीं है.


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