नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने आज अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया कि वह मानहानि के मुकदमे में अरूण जेटली से जिरह 12 फरवरी को खत्म करें. यह मुकदमा केंद्रीय वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री और आप के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ दायर किया है. आम बजट पेश करने के एक दिन बाद जेटली दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे, जहां उनके जिरह के दौरान तीखी बहस देखने को मिली.
1999 से 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे हैं जेटली
संयुक्त रजिस्ट्रार राकेश पंडित ने केजरीवाल को निर्देश दिया कि वह 12 फरवरी को जेटली से जिरह समाप्त करें. यह निर्देश तब दिया गया जब मंत्री ने शिकायत की कि उन्हें नौ बार बुलाया गया है और उनसे 250 से अधिक ‘अप्रासंगिक सवाल’ पूछे गए जिसका दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन के सिलसिले में उनपर और उनके परिवार के सदस्यों पर लगाए गए कदाचार के आरोपों से कोई लेना-देना नहीं है. गौरतलब है कि जेटली 1999 से 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे.
कार्यवाही को भटकाया जा रहा है: जेटली
अरुण जेटली ने कहा कि अध्यक्ष के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान डीडीसीए के अन्य पदाधिकारियों के आचरण के बारे में उनसे सवाल पूछकर कार्यवाही को भटकाया जा रहा है. जेटली से केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पांच दूसरे नेताओं के खिलाफ उनकी तरफ से दायर मानहानि के मुकदमे के सिलसिले में जिरह की जा रही थी. यह वाद उन्होंने डीडीसीए में उनके ऊपर वित्तीय अनियमितताएं करने का आरोप लगाए जाने को लेकर दायर किया गया था.
आप के अन्य नेताओं में राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, संजय सिंह, आशुतोष और दीपक बाजपेयी शामिल हैं, जिनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है. जेटली की आपत्तियों पर गौर करने के बाद संयुक्त रजिस्ट्रार ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रतिवादी (केजरीवाल) को याचिकाकर्ता (जेटली) से जिरह के लिये पर्याप्त अवसर दिया गया है.’’
केजरीवाल को भविष्य में जिरह के लिये और तारीख नहीं दी जाएगी: संयुक्त रजिस्ट्रार
संयुक्त रजिस्ट्रार राकेश पंडित ने कहा, ‘‘प्रतिवादी को यह निर्देश देना जरूरी है कि वह अपना साक्ष्य दर्ज करने का काम 12 फरवरी तक पूरा करें. केजरीवाल को भविष्य में जिरह के लिये और तारीख नहीं दी जाएगी.’’ केजरीवाल के वकील अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ अपील दायर करेंगे.