संसद का शीतकालीन कल, संभल और मणिपुर हिंसा पर हंगामे के आसार; मोदी सरकार पेश करेगी वक्फ विधेयक समेत ये बिल
विपक्ष किसी भी मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं. इससे अलग सरकार की ओर से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद को सुचारू रूप से चलाने की अपील की है और विपक्ष से सहयोग मांगा है.
Parliament Session: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार (25 नवंबर) से शुरू हो रहा है. सत्र के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बात रखेंगे. शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहने के आसार है क्योंकि विपक्ष ने जिस तरह से ऑल पार्टी मीटिंग के दौरान अडानी पर अमेरिका में हुए एफआईआर और वक्फ संशोधन बिल को लेकर अपना रुख साफ किया है. उससे साफ है कि संसद के पहले दिन ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक होना तय है.
विपक्ष किसी भी मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं. इससे अलग सरकार की ओर से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद को सुचारू रूप से चलाने की अपील की है और विपक्ष से सहयोग मांगा है. संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार की ओर से 16 महत्वपूर्ण बिल लाए जाने की तैयारी है, जिसमें वक्फ संशोधन बिल समेत बैंकिंग संशोधन बिल शामिल हैं.
इन मुद्दों पर पीछे नहीं हटेगी भाजपा
महाराष्ट्र चुनाव में मिली बड़ी जीत से गदगद भाजपा और एनडीए के नेता शीतकालीन सत्र में आने वाले महत्वपूर्ण बिलों को लेकर उत्साहित हैं, लेकिन संभल में हुए विवाद समेत उद्योगपति गौतम अडानी पर हुई एफआईआर और वक्फ बिल के मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं.
संविधान सदन को संबोधित करेंगे भारत के राष्ट्रपति
रविवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद को सुचारू रूप से चलाना चाहिए. हमने सभी दलों से शीतकालीन सत्र में योगदान देने का आग्रह किया है. 26 नवंबर को लोकसभा और राज्यसभा नहीं चलेगी. हम संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. भारत के राष्ट्रपति संविधान सदन को संबोधित करेंगें. आयातित दस्तावेज जारी किए जाएंगे. संविधान निर्माण की जानकारी भी जारी की जाएगी, ताकि लोगों को पता चल सके कि संविधान कैसे बना.
वक्फ विधेयक किया जाएगा पेश
किरेन रिजिजू ने ये भी बताया कि सर्वदलीय बैठक में सकारात्मक परिणाम सामने आए. विपक्ष जो भी चर्चा चाहता है, उसे पहले बीएसी में पेश किया जाना चाहिए. हम किसी भी तरह की चर्चा के लिए तैयार हैं. शीतकालीन सत्र में वक्फ विधेयक पेश किया जाना है, लेकिन किसी भी स्थिति में देरी होने पर हम इस पर पुनर्विचार कर सकते हैं. सर्वदलीय बैठक में 30 राजनीतिक दलों के 42 नेता शामिल हुए.
18वीं लोकसभा के तीसरे सत्र और राज्यसभा के 266वें सत्र के दौरान उठाए जाने वाले संभावित विधेयकों की सूची
- भारतीय वायुयान विधेयक, 2024
- आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024
- गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2024
- बिल ऑफ लैडिंग विधेयक, 2024
- समुद्री मार्ग से माल ढुलाई विधेयक, 2024
- रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024
- बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024
- मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024
- वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024
- तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, 2024
- बॉयलर विधेयक, 2024
- राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2024
- पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक, 2024
- मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2024
- तटीय शिपिंग विधेयक, 2024
- भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2024
II- वित्तीय कार्य:-
- वर्ष 2024-25 के लिए अनुपूरक मांगों के प्रथम बैच पर चर्चा और मतदान तथा विनियोग विधेयक का परिचय, विचार और पारित/वापस करना.