Rajya Sabha MPs Suspension: राज्यसभा सासदों के निलंबन और विपक्षी दलों के संसद में हंगामे के बीच राहुल गांधी ने माफी को लेकर कही ये बात
Parliament Session: विपक्षी दलों ने सांसदों के निलंबन की वापसी की मांग की और इसको लेकर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से भी मुलाकात की.
Winter Session of Parliament: राज्यसभा में सोमवार को 12 सांसदों के निलंबन की वजह से मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा देखने को मिल रहा है. विपक्षी दलों ने सांसदों के निलंबन की वापसी की मांग की और इसको लेकर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से भी सुबह मुलाकात की. लेकिन, वेंकैया नायडू ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया. इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही से कांग्रेस- डीएमके और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने वॉकआउट किया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राज्यसभा के सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि निलंबन की कार्रवाई गलत तरीके से की गई है. तो वहीं दूसरी तरफ नेता अधीर रंजन चौधरी ने केन्द्र पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार का डराने का नया तरीका है. उन्होंने कहा कि जबदरस्ती क्यों माफी मंगना चाहते हैं. सरकार का ऐसा रवैया पहली बार देखा. इस बीच, कांग्रेस के वायनाड से सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने निलंबित सांसदों से माफी की मांग को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि आखिर किस बात की माफी? बिल्कुल नहीं!
किस बात की माफ़ी?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 30, 2021
संसद में जनता की बात उठाने की?
बिलकुल नहीं!
प्रह्लाद जोशी बोले- निलंबित सदस्यों को सदन में माफी मांगनी चाहिए
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद के शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों को ‘दुर्व्यवहार’ के लिए उच्च सदन के भीतर माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर ये सदस्य सभापति और सदन से माफी मांग लेते हैं तो फिर सरकार उनके प्रस्ताव (निलंबन रद्द करने के) पर सकारात्मक रूप से विचार करने के लिए तैयार है.
जोशी ने ट्वीट किया, ‘‘ विपक्ष के लोग बार-बार सुषमा स्वराज जी और अरुण जेटली जी के एक बयान का उल्लेख करते हैं कि व्यवधान भी लोकतंत्र का हिस्सा है. लेकिन मेज पर चढ़ना और सुरक्षा में लगे लोगों को मारना, असहनीय है. इसे माफ नहीं किया जा सकता है.’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए सरकार को मजबूरी में निलंबन का यह प्रस्ताव सदन के सामने रखना पड़ा. लेकिन यदि ये 12 सांसद अभी भी अपने दुर्व्यवहार के लिए सभापति और सदन से माफी मांग लें, तो सरकार भी उनके प्रस्ताव पर खुले दिल से सकारात्मक रूप से विचार करने को तैयार है.’’
किन-किन सांसदों को किया गया है निलंबित?
संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने की वजह से, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया. उच्च सदन में उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कल इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी. जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं.
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