संसद के शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक को बीजेपी सरकार पास कराना चाहेगी. ट्रिपल तलाक पर अगर इस सत्र में कानून पास नहीं किया जाता है तो ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी बनाने वाले अध्यादेश की वैधता खत्म हो जाएगी. बता दें कि किसी भी अध्यादेश से बने कानून को जारी रखने के लिए इसे 6 महीने के अंदर संसद से पास कराना होता है.
मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया पर जारी किए गए अध्यादेश से बने कानून को भी जारी रखने के लिए मोदी सरकार को इसपर कानून पास कराना होगा. संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में ये दोनों कानून पास कराना बीजेपी के लिए चुनौती होगी.
पिछले साल यानी 2017 में संसद की शीतकालीन सत्र की बैठक 15 दिसंबर से 5 जनवरी के बीच हुई थी. मोदी सरकार इस साल के मॉनसून सत्र की सफलता की कहानी को दोहराना चाहेगी. इस साल का मॉनसून सत्र पिछले 18 सालों में सबसे अधिक कामकाजी साबित हुआ था.
यह सेशन 18 जुलाई से 10 अगस्त के बीच बुलाई गई थी. यह सेशन इसलिेए भी यादगार है क्योंकि पहली बार मोदी सरकार पर इस सत्र में ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. मोदी सरकार अविश्वास प्रस्ताव में भारी मतों से गद्दी बचाने में कामयाब रही थी.
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