छत्तीसगढ़: इंसानियत को झकझोकर रख देने वाली और सरकार के दावों पर सवालिया निशान खड़ा करने वाली यह खबर छत्तीसगढ़ के जगदलपुर की है. जिसमें एक सरकारी अस्पताल में एक नवजात ने दम तोड़ दिया जिसके बाद उसके शव को एक थैले में रखकर उसका पिता 12 घंटे तक इधर-उधर भटकता रहा.



रमेश नाम के शख्स की पत्नी ने जगदलपुर के महारानी अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया, लेकिन कुछ देर बाद ही नवजात की मौत हो गई. इसके बाद अस्पताल ने बच्चे का शव मां-बाप को थमाकर अपना पल्ला झाड़ लिया और एंबुलेंस तक नहीं दी. सरकारी अस्पताल पर आरोप है कि नवजात बच्चे की मौत के बाद पति-पत्नी को जबरन अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया.


रमेश के सामने डेढ़ सौ किलोमीटर दूर घर वापस लौटने के लिए पैसे की समस्या थी, लिहाजा झोले में बच्चे का शव रखकर वो मदद के लिए इधर-उधर भटकता रहा. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था. जैसे-तैसे खबर कलेक्टर तक पहुंची और फिर रेडक्रॉस की मदद से दोनों को वापस भिजवाया गया. रमेश को मदद तो मिली लेकिन इन 12 घंटों के दौरान उसने जो तकलीफ, जिल्लत और बदर्दी झेली उसकी जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं है.