मुंबईः मुंबई क्राइम ब्रांच अब 16 साल पहले की तकनीक का इस्तेमाल कर उन आरोपियों की तलाश कर रही है जिनलोगों ने भारत के सबसे बड़े बिजनेसमैन मुकेश अम्बानी के घर के पास 20 जिलिटीन के साथ एक स्कॉर्पियों गाड़ी पार्क की थी. आपको बता दें कि बीते गुरुवार की शाम 3 बजे के करीब अम्बानी के बंगले के पास के एक स्कॉर्पियो मिली थी जिसकी जांच के बाद पुलिस को उड़ स्कॉर्पियो गाड़ी में से 20 जिलिटीन स्टिक्स और एक धमकी भरा लेटर मिला था जिसके बाद से ही मुंबई पुलिस इसके पीछे जिम्मेदार लोगों की तलाश में है.


सूत्रों की माने तो पुलिस ने अबतक 700 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज की जांच की और 25 से 30 लोगों के स्टेटमेंट्स रिकॉर्ड किये हैं जिसमे रिलाइंस के गार्ड्स और स्कॉर्पियो के असली मालिक के स्टेटमेंट्स शामिल हैं.


आपको बता दें कि मुलुंड टोल के आगे पडघा टोल आता है और इनोवा कार उस टोल को पार करते नहीं दिख रही है. जांच एजेंसियों ने पडघा टोल की सीसीटीवी फुटेज खंगाली पर उन्हें उस टोल की सीसीटीवी फुटेज में इनोवा गाड़ी कही भी नहीं दिख रही है. जिसके बाद से ही मुंबई पुलिस और दूसरी जांच एजेंसियां अब मुलुंड टोल और पडघा टोल के बीच अपनी जांच के दायरे को बढ़ा दिया है हर जगह सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.


16 साल पहले की क्या थी तकनीक


मुंबई पुलिस के सूत्रों की माने तो इन आरोपियों ने इस हरकत को अंजाम देते समय सीसीटीवी कैमरे से अपने आपको बचाया और टेलीफोन का भी इस्तेमाल नहीं किया था. ऐसे में पुलिस अब उस तकनीक का इस्तेमाल कर रही है जिसका इस्तेमाल 16 साल पहले किया करती थी जब सीसीटीवी कैमरे और मोबाइल इतने नहीं थे.


एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2006 से पहले तक मोबाइल हर किसी के पास नहीं होती थी और तब हम ह्यूमन इंटेलीजें (यानी कि खबरियों और लेगवर्क) का इस्तेमाल कर आरोपियों की तलाश करते थे. 2006 से 2014-15 के बीच का जो समय था, उस दौरान ह्यूमन इंटेलिजेंस और टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन दोनों का ही इस्तेमाल होता था.


2014 से लेकर 2015 के दौरान लोगों ने बहुत ज्यादा मोबाइल और सीसीटीवी का इस्तेमाल शुरू हुआ जिसके बाद से ही पुलिस ने टेक्निकल इंवेस्टिगेशन करना बढ़ा दिया. एक अधिकारी ने बताया कि जब हमे सीसीटीवी फुटेज या फिर मोबाइल का एसडीआर नहीं मिलता तो हम ऐसे मामलों में ह्यूमन इंटेलिजेंस का सहारा लेते हैं.


इनोवा का अबतक पता नहीं!


पुलिस सूत्रों की माने तो जिस तरह स्कोर्पियो कार का नंबर प्लेट फर्जी था और कई डुप्लीकेट नंबर प्लेट बरामद किए गए है उसी तरह सफेद इनोवा के लिए भी फर्जी नम्बर प्लेट का इस्तेमाल किया गया . जिलेटिन स्टिक रखने वाले शख्स ने ना केवल अम्बानी परिवार और घर की रेकी की है बल्कि उस रास्ते की भी रेकी की है जिस रास्ते से होकर आरोपी को लापता होना था.


सीसीटीवी लगे हुए टोल प्लाजा को पार करने के बाद इनोवा कार को काफी देर तक सड़क किनारे रोककर पार्क किया गया होगा और फिर नंबर प्लेट बदलकर किसी दूसरे सफेद इनोवा के गुजरने का इंतज़ार कर गुमराह करने की संभवना को नकारा नहीं जा सकता है.


अब तक की जांच की दिशा!


मुंबई पुलिस ने आरोपियों का पता लगाने के लिए उस इलाके का 2 बजकर 18 मिनट का डंप डेट (जितने मोबाइल उस परिसर में उस समय ट्रेवेल कर रहे थे) निकाला उसके बाद 3 बजकर 05 मिनट का मुलुंड टोल नाके का भी डंप डेटा निकाला. मामले में पुलिस ने 2000 से ज्यादा मोबाइल की जांच की पर संदिग्ध का पता नहीं चला.


मुंबई ट्रैफिक पुलिस के सीसीटीवी फुटेज के अनुसार इनोवा कार 1 बजकर 20 मिनट पर मुलुंड टोल नाका पर कर मुंबई के प्रिय दर्शनी पार्क के पास करीब 1 बजकर 40 मिनट पर आती है जहां पर उसका इन्तेजार स्कॉर्पियो गाड़ी वाला कर रहा था.


इसके बाद इनोवा गाड़ी आगे आगे और स्कॉर्पियो गाड़ी पीछे पीछे चल कर अम्बानी के घर के पास तक पहुँचती है. ये लोग गाड़ियां इसलिए साथ मे चला रहे होंगे ताकि एकदूसरे से बातचीत और कोर्डिनेशन करने में आसानी हो.


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