(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
COVID 19: लॉकडाउन और कंटेनमेंट प्लान नहीं होता तो 15 अप्रैल तक 8 लाख से ज्यादा लोग हो जाते संक्रमित
25 मार्च से लागू लॉक डाउन के चलते कोरोना वायरस की रोकथाम में बड़ी मदद मिली है. वही स्ट्रेटजी ने असर दिखाया और 25 मार्च के बाद मामले उस तरह नहीं बढ़े.
नई दिल्लीः अगर लॉकडाउन और कंटेनमेंट नहीं करते तो 15 अप्रैल तक 8लाख 20 हजार मामले सामने आ चुके होते. यह हम नहीं खुद स्वास्थ्य मंत्रालय कह रहा है. आईसीएमआर की एक आंतरिक स्टडी के आंकड़ों के मुताबिक अगर देशभर में लॉक डाउन और कंटेनमेंट प्लान नहीं बनता तो पूरे देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या लाखों में पहुंच जाती. भारत का हाल इटली ईरान और अमेरिका जैसा हो जाता.
आईसीएमआर की एक स्टडी के मुताबिक एक संक्रमित व्यक्ति 400 से ज्यादा लोगों को 1 महीने में संक्रमित कर सकता है. इसी स्टडी के आधार पर एक प्रोजेक्शन तैयार किया गया था. इसके मुताबिक अगर देश में लॉक डाउन और कंटेनमेंट नहीं किया जाता तो 10 अप्रैल तक 2,08,544 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाते. वही 15 अप्रैल तक ये आंकड़ा 8लाख 20हजार को छू लेता.
वहीं अगर दूसरी संभावना की बात करे यानी सिर्फ कंटेनमेंट प्लान बनाया जाता और लॉक डाउन नहीं लागू किया जाता तो 10 अप्रैल तक 45370 लोग इस वायरस से संक्रमित होते. वही 15 अप्रैल आते-आते ये आंकड़ा 1लाख 20 हजार तक पहुंच जाता. लेकिन ऐसा हुआ नहीं क्योंकि समय रहते भारत सरकार ने कई कड़े कदम उठाए.
देश में 25 मार्च से 21 दिनों का लॉक डाउन लागू किया गया वहीं इससे पहले ही कंटेनमेंट प्लान तैयार कर लिया गया था जिसके चलते आज तक सिर्फ 7447 लोग ही इस कोरोनावायरस से संक्रमित हुए हैं. इससे ना सिर्फ बहुत तेजी से संक्रमण को रोका गया बल्कि लॉक डाउन और कंटेनमेंट प्लान के चलते बहुत कम लोग संक्रमित हुए.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया भारत सरकार ने समय रहते कई कड़े कदम उठाए. जिसमें क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन फैसिलिटी तैयार करना, हवाई और रेल सेवा बंद करना, हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग करना और 22 मार्च को जनता कर्फ्यू जैसे कई अहम फैसले लिए. वहीं25 मार्च से लागू लॉक डाउन के चलते कोरोना वायरस की रोकथाम में बड़ी मदद मिली है. वही स्ट्रेटजी ने असर दिखाया और 25 मार्च के बाद मामले उस तरह नहीं बढ़े.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक शनिवार तक भारत में कोरोना के कुल मरीज 7529. इनमें 6634 एक्टिव पेशंट है जबकि अब तक 652 मरीज इस संक्रमण से ठीक हो चुके है. वहीं कोरोना संक्रमण से 242 मरीजों की मौत हो चुकी है.
COVID 19: लॉकडाउन और कंटेनमेंट प्लान नहीं होता तो 15 अप्रैल तक 8 लाख से ज्यादा लोग हो जाते संक्रमित