मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर एक साल पूरा कर लिया है. महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार के 1 साल पूरा होने के मौके पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सरकार के एक साल के कामकाज का जिक्र किया. सरकार ने एक किताब का भी विमोचन किया, जिसका शीर्षक है- 'महाराष्ट्र न कभी रुका है और न कभी रुकेगा.'


यही नहीं, इस मौके पर सीएम उद्धव ठाकरे ने बीजेपी का नाम लिए बिना जमकर हमला भी बोला. उन्होंने कहा, ''जैसे कि किताब का कवर बता रहा है कि महाराष्ट्र कभी न रुका है और न कभी रुकेगा, मैं कहना चाहता हूं महाराष्ट्र न किसी से डरा है और न डरने वाला है. अगर कोई राजनीतिक संकट लाने की कोशिश कर रहा है तो उस संकट को भी हम तोड़ने की ताकत रखते हैं.''


सीएम ठाकरे ने कहा, "सरकार पर ये आरोप लगाया जाता है कि यह तीन पहियों वाली सरकार है लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि हमारी सरकार में चौथा पहिया भी है और वह है लोगों के विश्वास का. हम हमारी सरकार को जनता के लिए समर्पित करते हैं और लोगों को यह विश्वास भी दिलाना चाहते हैं कि सरकार हर मोर्चे पर लोगों के साथ खड़ी हुई है."


ठाकरे, सोनिया से बोले- 'एनसीपी से अच्छा है कांग्रेस का सहयोग'
'सरकार को चलाते वक्त एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी का मार्गदर्शन भी मिलता है.' यह बताना भी सीएम उद्धव ठाकरे नहीं भूले. उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि 'वैसे तो मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से केवल एक ही बार मिला हूं लेकिन हमारी फोन पर अक्सर बात होती है. दिवाली के मौके पर या दूसरे मौके पर उनका फोन आता है सोनिया जी ने मुझे फोन पर पूछा था कि क्या हमारे लोग सरकार चलाने में आपको सताते हैं. मैंने जवाब दिया कि कांग्रेस का सहयोग एनसीपी से अच्छा होता है.'


ठाकरे की तारीफ और बीजेपी पर हमला
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महा विकास अघाड़ी सरकार के साल पूरा होने के मौके पर सरकार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की जमकर तारीफ की. पवार ने कहा, ''यह सरकार तीन अलग-अलग विचारधारा रखने वाली पार्टियां मिलकर चला रही हैं. उसके बावजूद उद्धव ठाकरे सरकार को लेकर लोगों में उत्साह है और शायद यही वजह भी है कि विधान परिषद के जो चुनाव हुए हैं उसमें पढ़े लिखे वोटर्स ने सरकार का साथ दिया है.''


एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली में किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की बात सुनने में नाकामयाब रही है और शायद इसीलिए किसानों को रास्ते पर उतरकर आंदोलन भी करना पड़ रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस बात को कहा गया है.