कोरोना नियमों के उल्लंघन की जांच रहे जवान को एक महिला ने जड़ा थप्पड़
पुलिस के मुताबिक, मध्य प्रदेश के खांडवा में होम गार्ड का जवान मास्क पहनने और कोरोना उल्लंघन के नियमों की चेकिंग कर रहा था. इस दौरान उसकी बहस एक महिला के साथ हो गई. इसके बाद कथित तौर पर उस महिला ने जवान को एक चांटा मार दिया.
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच कई राज्यों में सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं. लोगों की लापरवाही के चलते कई बार कोरोना नियमों को मनवानें के लिए पुलिसकर्मियों की तरफ से थोड़ी कड़ाई भी करनी पड़ती है. लेकिन, मध्य प्रदेश में कोरोना नियमों के उल्लंघन की जांच के दौरान एक महिला इस कदर भड़क उठी कि उसने वहां एक होमगार्ड के जवान को ही जोरदार थप्पड़ रसीद कर दिया.
पुलिस के मुताबिक, मध्य प्रदेश के खांडवा में होम गार्ड का जवान मास्क पहनने और कोरोना उल्लंघन के नियमों की चेकिंग कर रहा था. इस दौरान उसकी बहस एक महिला के साथ हो गई. इसके बाद कथित तौर पर उस महिला ने जवान को एक चांटा मार दिया. पुलिस ने बताया कि उनके पास थप्पड़ मारते हुए यह वीडियो साक्ष्य के तौर पर मौजूद है.
Madhya Pradesh | A woman allegedly slapped a home guard during checking for violation of mask rule in Khandwa
— ANI (@ANI) May 27, 2021
There was an argument between the home guard and the woman during checking. There is video evidence of the woman slapping the cop: Police pic.twitter.com/99Ztcq6vqj
ब्लैक फंगस के 4 मरीजों की जान बचाने के लिए उनकी आंख निकाली गई
इधर, ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के मामलों में वृद्धि के बीच यहां शासकीय महाराजा यशवंतराव होलकर चिकित्सालय (एमवाईएच) में पिछले दो हफ्तों के दौरान इस संक्रमण के चार गंभीर मरीजों की एक-एक आंख सर्जरी के जरिये निकाली गई ताकि उनकी जान बचाई जा सके. एमवाईएच के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने गुरुवार को समाचार एजेंसी "पीटीआई" को बताया, "हमारे नेत्र सर्जनों की टीम पिछले दो हफ्ते के दौरान ब्लैक फंगस के छह मरीजों का ऑपरेशन कर चुकी है. संक्रमण की रोकथाम के लिए हमें इनमें से चार लोगों की एक-एक आंख निकालनी पड़ी है."
उन्होंने बताया, "अगर इन मरीजों की संक्रमित आंख नहीं निकाली जाती, तो संक्रमण बढ़कर उनके मस्तिष्क तक पहुंच जाता जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता था." वरिष्ठ डॉक्टर ने स्वीकार किया कि ब्लैक फंगस के इलाज में प्रमुख तौर पर इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की किल्लत बरकरार रहने से मरीजों के इलाज पर असर पड़ रहा है. अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल सरकारी और निजी क्षेत्र के स्थानीय अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 350 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। इनमें इंदौर के अलावा राज्य के अन्य जिलों के मरीज भी शामिल हैं.
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