महिला और भांजी ने तांत्रिक पर लगाया धर्म परिवर्तन और सालों तक रेप करने आरोप, FIR दर्ज
इस पूरे मामले की शुरुआत साल 2005 से होती है. पीड़ित महिला का कहना है कि वो तब नाबालिग थीं. मिर्गी का दौरा ठीक करवाने के लिए वो तांत्रिक के पास गईं. इसके बाद वो तांत्रिक घर आने लगा और शोषण करने लगा.
राजधानी दिल्ली के शाहदरा इलाके में रहने वाली एक मौसी और उसकी नाबालिग भांजी ने एक तांत्रिक पर सालों दुष्कर्म करने और धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगाया है. दोनों की शिकायत पर शाहदरा थाने में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है.
पीड़ित महिला का दावा है कि साल 2005 में जब वह बच्ची थी, तो उसे मिर्गी का दौरा पड़ने लगा. किसी ने तांत्रिक से उपचार कराने के लिए कहा तो वह ज़ाकिर नामक एक तांत्रिक से मिली. उस तांत्रिक ने पहले इनके घर आना शुरु किया और फिर इनके पूरे परिवार को अपने वश में करने के बाद इस महिला को कई साल तक शोषण किया और बाद में इसकी नाबालिग भांजी को भी अपनी हवस का शिकार बनाया.
महिला ने कहा, “मेरी डेट ऑफ बर्थ 1995 की है. 2005 में मुझे मिर्गी के दौरे आने लगे मैं उस समय छोटी थी. तो किसी ने मुझे बताया कि ज्योति कॉलोनी, दुर्गापुरी चौक के पास एक तांत्रिक है, जिसके पास इसका इलाज है. मैं वहां पर गई. जिसके बाद जाकिर नाम का वह तांत्रिक हमारे घर पर आने लगा. मेरे पिता स्कूल टीचर थे. मेरी मां भी स्कूल टीचर थीं, जिनकी उस समय तके मौत हो चुकी थी. जाकिर हमारे घर पर आने लगा और उसने सभी का विश्वास जीत लिया. वह बाबा जी की गद्दी हमारे घर में लगाने लगा और कभी कुछ कभी कुछ उपाय करने लगा. वह बलि के नाम पर हमसे पैसे लेता और बोलता कि जिन को खुश करने के लिए बलि देनी होगी. जब मेरी उम्र 13 साल की हुई तो जाकिर ने मेरे साथ पहली बार बलात्कार किया. वह बोला कि ये सब शैतान ने किया है और इस तरीके से उसने सालों साल मेरे साथ रेप किया. चार बार मेरा एबॉर्शन भी करवाया. उसने मेरे भाई को भी अपने प्रभाव में लिया. उसका धर्म परिवर्तन करवाया.”
पीड़ित महिला ने आगे कहा, “मेरा झूठा एफिडेविट तैयार करवाया, जिसमें मेरी डेट ऑफ बर्थ 1985 की दिखाई गई. जबकि मेरी असली डेट ऑफ बर्थ 1995 की है. मेरे सभी स्कूल सर्टिफिकेट और बीए की डिग्री में भी मेरी डेट ऑफ बर्थ 1995 ही है. इतना ही नहीं जब मेरे पिता की मृत्यु हो गई तो इसने उनका अंतिम संस्कार भी नहीं होने दिया. उनके शव को सुंदर नगरी के श्मशान घाट में दफन करवाया. उनका नाम मोहम्मद यूसुफ बताकर उनका शव को दफन करवाया गया. उसने मुझसे जबरन विवाह भी किया. घर में ही मुझसे कबूल कबूल कबूल करते हुए मुझसे शादी कर ली न तो कोई मौलवी को बुलाया और न ही किसी काजी को. फिर वह है मुझ पर हक जताने लगा. मुझे कहीं बाहर भी नहीं निकलने देता था. 17 जून 2021 को मैं जब जबरदस्ती उसके साथ उसके घर गई तो उसने अपनी पत्नी और बच्ची के साथ मिलकर मुझे बुरी तरीके से पीटा. मैने अपनी भांजी को बुलाया. जिसने पीसीआर कॉल की. फिर हमें जीटीबी एनक्लेव थाने ले जाया गया. जब हमने उनको पूरी कहानी बताइ तो फिर पुलिस ने पहले हमें कोई रिस्पांस नहीं दिया. उसके बाद बोले कि तुम्हारा मामला शाहदरा थाने का है. वहां पर जाकर अपनी रिपोर्ट लिखवाओ. हम शाहदरा थाने गए. वहां पर मैंने अपनी आपबीती बताई और मेरी भांजी ने भी पुलिस को बताया कि मेरे साथ भी गलत हुआ है, लेकिन पुलिस ने कहा कि दोनों में से किसी एक की एफआईआर दर्ज की जाएगी. जिसे भी अपने एफआईआर दर्ज करवानी है, वह करवाए.”
महिला ने आगे बताया, “तब मैंने अपनी सारी आपबीती पुलिस के सामने रखी और फिर मेरी एफआईआर दर्ज की गई. लेकिन उसमें भी पुलिस ने कई जगहों पर काफी कमी छोड़ी है, ताकि जाकिर को फायदा मिल सके और उसे फायदा मिला भी है. उसे अदालत से एंटीसिपेटरी बेल भी मिल चुकी है. पुलिस ने मेरी भांजी कि शिकायत नहीं सुनी और न ही उस पर कोई कार्रवाई की. जब अदालत में मजिस्ट्रेट के सामने बयान हुए. मेरी तरफ से मेरी भांजी भी मौजूद थी. उसने जब मजिस्ट्रेट के सामने सारी आपबीती सुनाई तो फिर अदालत के कहने पर ही पुलिस को मेरी भांजी की एफआई आर भी दर्ज करनी पड़ी है."
वहीं महिला की भांजी ने कहा, “मेरी डेट ऑफ बिर्थ 2005 की है. मेरे मम्मी और पापा के बीच अच्छे रिश्ते नहीं थे. जिसके बाद मेरी मम्मी नाना के घर पर ही आकर रहने लगी. मैं जब चौथी क्लास में आई तो जाकिर ने पहली बार मेरे साथ गलत काम किया और उसके बाद वह लगातार मेरे साथ गलत काम करने लगा. लेकिन 2017-18 में मुझसे ये सब सहन नहीं हुआ और मैंने उसका विरोध करना शुरू कर दिया. उसने मेरे हाथ पर ब्लेड से कई सारे कट भी मारे हैं. वह यह बोलता था कि जिन को बलि में तुम्हारा खून चढ़ाना है, नहीं तो वह तुम सब को परेशान करता रहेगा. उसने कई बार मेरे हाथ पर ब्लेड से कट मारे हैं और फिर वह मेरे खून को कपड़े से पोंछकर बोलता था कि बस अब काम हो गया. उसने मेरे सामने भी मेरी मौसी के साथ कई बार गलत काम किया. 17 जून को जब मेरे सामने मेरी मौसी के साथ मारपीट हो रही थी तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने पुलिस को कॉल की. उससे पहले मेरी मौसी भी पीसीआर कॉल कर चुकी थी. पुलिस ने हमारी कोई मदद नहीं की.”
पीड़िता ने आगे बताया, “शाहदरा थाना पुलिस ने भी हमारे साथ कोई अच्छा व्यवहार नहीं किया. पहले ही दिन हम दोनों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करनी चाहिए थी, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया. मेरी एफआईआर उस दिन हुई, जब कोर्ट ने पुलिस को कहा. मैं अभी 16 साल की हूं, लेकिन पुलिस ने एफआईआर में मेरी उम्र 21 साल लिखी है, जबकि मैंने अपने एजुकेशन से जुड़े हुए कागज भी पुलिस को दिखा दिए थे. पुलिस ने जानबूझकर इतनी गलतियां की है, जिससे सीधे तौर पर जाकिर को फायदा हुआ है. जाकिर ने हमारे घर में घुस कर हमारे पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया है और मेरे और मेरी मौसी के साथ सालों दुष्कर्म करता रहा है. हम न्याय चाहते हैं. जाकिर ने मेरी मौसी का तो झूठा एफिडेविट तैयार करके धर्म परिवर्तन करवा दिया था. लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं कर पाया. लेकिन मुझे भी कहता था कि तुम भी मुस्लिम में हो और उसी धर्म को मानो. मेरे नाना ने तो कहीं भी किसी भी तरीके से धर्म परिवर्तन नहीं किया था. इसके बाद भी मेरे नाना के शव को सुंदर नगरी के कब्रिस्तान में दफन करवाया गया.”
इस पर यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के कार्यकारी अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने कहा, “हमारे सामने इन दोनों पीड़ितों का मामला आया. दोनों हमसे मिली और उन्होंने बताया कि इनके साथ जाकिर नाम के तांत्रिक ने गलत काम किया है. मौसी और भांजी दोनों के साथ कई साल तक दुष्कर्म किया गया. दोनों को प्रताड़ित किया गया. उनकी जो संपत्ति थी वह भी उसने हड़प ली. धर्म परिवर्तन करवाया. हमने इस संबंध में शाहदरा जिले के डीसीपी से भी बात की और जिस तरीके से जाकिर को एंटीसिपेटरी बेल मिली, वह भी कहीं न कहीं इस बात की ओर इशारा करता है कि पुलिस ने इन दोनों के मामलों में काफी लचर रवैया दिखाया है और जाकिर के प्रति सहानुभूति दिखाई है. इस मामले में हमारा संगठन इन दोनों पीड़ितों की मदद करेगा और इन्हें न्याय दिलाने के लिए हर संभव कोशिश करेगा.”
वहीं समाज सेविका डॉ अनिता गुप्ता बताती हैं, “हमारे सामने ये मामला आया है. हम अपनी एनजीओ माँ शक्ति के माध्यम से दोनों की मदद करने जा रहे हैं. ये मामला धर्म परिवर्तन और रेप का है. सालों साल दोनों को प्रताड़ित किया गया है. लेकिन पुलिस ने जिस तरह से एफआईआर में कमी छोड़ी है और पॉक्सो एक्ट के बावजूद आरोपी को एंटीसिपेटरी बेल मिल जाती है, ये समझ से परे है.”
शाहदरा थाना पुलिस ने दोनों पीड़ितों की शिकायत पर दो अलग एफआईआर दर्ज की है. एक मामले में पीडिता नाबालिग हैं, जिसमें पोक्सो एक्ट भी लगाया गया है. लेकिन जिस तरीके से आरोपी को एंटीसिपेटरी बेल मिली है, उसके बाद पीड़िताओं का आरोप है कि पुलिस ने न केवल उनकी एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही बरती है, बल्कि आरोपी को फायदा भी पहुंचाया है. इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि बेल कोर्ट ने दी है, पुलिस का इसमें कोई रोल नहीं है. हमने एफआईआर दर्ज की है और मामले की जांच कर रहे हैं.
इस पूरी कहानी की शुरुआत 2005 से होती है. पीड़ित महिला जो बालिग है, का आरोप है कि 2005 में वह बच्ची थी और उसे मिर्गी का दौरा आना शुरू हुआ. किसी ने उसे बताया कि दुर्गापुरी में एक तांत्रिक है, जिसके पास इसका इलाज है. वे उस तांत्रिक के पास जाती है और फिर उस तांत्रिक जाकिर का इनके घर पर आना जाना शुरू हो जाता है और तभी से इनकी बर्बादी की शुरूआत भी हो जाती है. तांत्रिक इनके घर पर बाबा जी की गद्दी जमाता है और फिर पूरे घर को अपने वश में कर लेता है. पहले इस महिला को कई साल तक अपनी हवस का शिकार बनाता है और फिर जब इसकी भांजी चौथी कक्षा में आती है तो उसके साथ भी दुष्कर्म करना शुरू कर देता है.