पश्चिम बंगाल के गवर्नर पर लगे महिलाओं से छेड़छाड़ के आरोप, गवाहों से बात करेगी पुलिस, राजभवन से मांगा CCTV फुटेज
WB Governor Ananda Bose Case: राज्यपाल बोस ने कहा कि वह 'मनगढ़ंत आरोपों' से नहीं डरेंगे और 'सच्चाई की जीत होगी. 'एक बयान में उन्होंने कहा 'सच्चाई की जीत होगी.
CV Ananda Bose Case: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर महिला के साथ छेड़छाड़ के लगे आरोप के मामले में अब कोलकाता पुलिस ने एक जांच टीम का गठन किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार (04 मई) को कहा कि अगले कुछ दिनों में गवाहों से बातचीत शुरू की जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि जांचकर्ता पहले ही राजभवन के सीसीटीवी फुटेज शेयर करने का अनुरोध कर चुके हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने कहा, “हमने एक जांच दल का गठन किया है जो इस मामले में अगले कुछ दिनों में कुछ संभावित गवाहों से बात करेगा. हमने राजभवन से सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध होने पर उसे शेयर करने का अनुरोध किया है.” राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने 3 मई को बंगाल के राज्यपाल पर राजभवन में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी.
राजभवन भी जारी कर चुका है बयान
संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत, किसी राज्यपाल के खिलाफ उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है. राजभवन ने एक बयान जारी कर कहा कि आनंद बोस ने चुनाव के दौरान राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए अनधिकृत, नाजायज, दिखावटी और प्रेरित जांच करने की आड़ में" राजभवन में पुलिस के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है.
राजभवन ने किया खंडन
राजभवन की ओर से इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा गया है कि यह राज्यपाल को बदनाम करने की साजिश है. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने दावा किया कि राज्यपाल बोस पर राजभवन में ही काम करने वाली एक महिला ने छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए हैं और महिला को बोस के खिलाफ शिकायत करने के लिए पुलिस थाने ले जाया गया है. राजभवन ने इन आरोपों का खंडन किया है.
राज्यपाल बोस ने कहा कि वह 'मनगढ़ंत आरोपों' से नहीं डरेंगे और 'सच्चाई की जीत होगी. 'एक बयान में उन्होंने कहा 'सच्चाई की जीत होगी. मैं गढ़ी गई कहानियों से डरने वाला नहीं हूं. अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी लाभ चाहता है तो भगवान उन्हें आशीर्वाद दें लेकिन वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते.'
राजभवन से जारी एक बयान में कहा गया है कि 'दो असंतुष्ट कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे कुछ अपमानजनक कृत्यों के बाद, राजभवन के कर्मचारियों ने उनके (राज्यपाल के) साथ एकजुटता व्यक्त की. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्हें एक शिकायत मिली है और वे इसकी जांच कर रहे हैं.