Bombay High Court: 8 दशक तक लड़ा केस, 93 की उम्र में साउथ बॉम्बे के फ्लैट की मालकिन बनी महिला
Bombay High Court: बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि 1946 में ही महिला के हक में अधिग्रहण रद्द कर दिया गया था लेकिन महिला को फ्लैट आज तक नहीं सौंपे गए.
Bombay High Court: बॉम्बे हाई कोर्ट ने दक्षिण मुंबई में 80 साल से चले आ रहे संपत्ति विवाद का निपटारा कर दिया. हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दक्षिण मुंबई स्थित दो फ्लैट को 93 वर्षीय महिला को सौंपने का निर्देश दिया है. दोनों फ्लैट दक्षिण मुंबई में रूबी मेंशन की पहली मंजिल पर स्थित हैं और 500 वर्ग फुट और 600 वर्ग फुट के हैं.
जस्टिस आरडी धानुका और एमएम सथाये की खंडपीठ ने 4 मई के अपने आदेश में कहा कि जुलाई 1946 में अधिग्रहण रद्द करने आदेश पारित होने के बावजूद, फ्लैटों को कभी भी उनकी मालकिन एलिस डिसूजा को वापस नहीं सौंपा गया था. अभी इन दोनों प्रॉपर्टी पर एक पूर्व अधिकारी के कानूनी वारिसों का कब्जा है.
हाई कोर्ट ने दिया आदेश
डिसूजा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर महाराष्ट्र सरकार और मुंबई के कलेक्टर को अधिग्रहण रद्द करने के आदेश को लागू करने और संपत्ति को लौटाने का निर्देश देने की मांग की गई थी.
डिसूजा ने अपनी याचिका में दावा किया कि मांग आदेश वापस ले लिया गया था लेकिन फिर भी फ्लैट का कब्जा सही मालिक को नहीं सौंपा गया. याचिका में कहा गया है कि इमारत के अन्य फ्लैटों का कब्जा उनके मालिकों को वापस कर दिया गया है.
8 सप्ताह में कब्जा दिलाने का आदेश
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि संपत्ति का वास्तविक कब्जा कभी भी मालिक (डिसूजा) को नहीं सौंपा गया था और इसलिए अधिग्रहण पूरा नहीं हुआ था. कोर्ट ने कहा कि हमें यह कहने में संकोच नहीं है कि परिसर अभी भी अधिग्रहण के अंतर्गत ही है.
अदालत ने राज्य सरकार को आठ सप्ताह के भीतर वर्तमान कब्जाधारियों को फ्लैट से हटाकर असली मालिक (डिसूजा) को खाली और शांतिपूर्ण कब्जा सौंपने का निर्देश दिया है.
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