Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. इसी बीच लापता मैतेई व्यक्ति लैशराम कमल बाबू की पत्नी शनिवार शाम को मणिपुर में सुरक्षाकर्मियों के सामने कंटीले तारों की बाड़ के सामने बैठ गई. इस दौरान महिला ने कहा, "मैं यहां से तब तक नहीं हटूंगी जब तक मेरे पति को मुझे नहीं सौंप दिया जाता."
कांगपोकपी जिले के लेइमाखोंग सैन्य स्टेशन में एक ठेकेदार के पर्यवेक्षक लैशराम कमल बाबू के 25 नवंबर को लापता होने के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. इस दौरान तनाव तब बढ़ गया जब बेलारानी के नेतृत्व में महिला प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स हटा दिए और लापता व्यक्ति को खोजने की मांग करते हुए सेना शिविर की ओर मार्च किया.
लैशराम कमल बाबू की पत्नी ने कही ये बात
लैशराम कमल बाबू की पत्नी अकोईजाम निंगोल लैशराम ओंगबी बेलारानी ने बताया कि सोमवार दोपहर से ही उनके पति का फोन नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई है.
उन्होंने कहा, "मैंने 25 नवंबर को उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन बंद था. अपने पति के लापता होने की खबर सुनकर मैं आज कछार से आई हूं." उन्होंने कहीं भी जाने से इनकार करते हुए कहा, "सेना के जवानों को मेरे पति को जीवित और सुरक्षित ढूंढना चाहिए."
सेना ने शुरू की तलाश
इस घटना से इम्फाल घाटी में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है तथा अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई करने की मांग की गई है. लोगों के आक्रोश के बाद सेना ने एक बयान जारी कर बाबू की तलाश के लिए अभियान तेज करने की पुष्टि की है. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी सेना से लापता व्यक्ति का पता लगाने की जिम्मेदारी लेने को कहा है.