सूरत: कोरोना वायरस के कहर और लॉकडाउन के दौरान देश के कोने-कोने से बेहद ही दर्दनाक खबरें लगातार आ रही हैं. अपना घर छोड़कर दूसरे शहरों में बसे तमाम प्रवासी किसी भी हालत में अपने घरों तक पहुंचना चाह रहे हैं. कुछ लोग तो अपनी और अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर पैदल निकल पड़े हैं.


वहीं सूरत से उत्तर प्रदेश पैदल चलकर जाने वाली महिला ने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया. दरअसल सूरत में कपड़े की फैक्ट्री में काम करने वाला इसरत मोहम्मद लॉकडाउन के दौरान अपनी गर्भवती पत्नी के साथ सूरत में फंसा था. वह अपने 3 साल के बच्चे और गर्भवती पत्नी के साथ गांव जाना चाह रहा था. बाद में उसने पैदल ही उत्तर प्रदेश जाने का फैसला किया.


अपनी गर्भवती पत्नी के साथ वह पैदल ही निकल पड़ा. रास्ते में उसे एक ट्रक वाले ने सहारा दिया. लेकिन ट्रक में ही इसरत की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने लगी जिसकी वजह से ट्रक वाला डर गया और उसने इस परिवार को सड़क पर बेसहारा छोड़ दिया. जलगांव शहर के पास इस महिला ने सड़क पर ही एक बच्चे को जन्म दिया लेकिन कोरोना वायरस के डर की वजह से कोई भी इस पीड़ित परिवार के पास आने से डर रहा था.


इस बात की खबर जब इस शहर के कवि कसार नामक एक संघ कार्यकर्ता को पता चली तो वह वहां पर एंबुलेंस लेकर पहुंचे और सड़क पर इस बच्चे को जन्म दे चुकी मां और नवजात शिशु को अस्पताल में पहुंचाया. अस्पताल में अभी जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. अब इसरत के परिवार को चिंता यह सता रही है की अब किस तरह से अपने गांव पहुंचेंगे फिलहाल इस मुस्लिम पीड़ित परिवार ने इस बच्ची का नाम सद्भावना रखने का फैसला किया है.


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