नई दिल्ली: दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले 52 दिनों से महिलाओं का प्रदर्शन जारी है. आज इस प्रदर्शन से हैरान करने वाली खबर सामने आयी. शाहीन बाग और जामिया में प्रदर्शन करने वाले एक दंपत्ति के 4 महीने के बेटे की मृत्यु हो गई है. 29 जनवरी की रात शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन से लौटकर नाजिया ने अपने बच्चे मोहम्मद जहान को सुलाया, सुबह उसकी मौत हो गई. मां ने बताया बच्चे को ठंड लग गई थी जिससे उसकी मौत हो गई.


बच्चे की मां ने कहा ''29 जनवरी की रात को शाहीन बाग से देर रात विरोध प्रदर्शन से लौटे थे. इसके बाद मैंने बच्चे को दूध पिला कर सुला दिया था. सुबह उठने के बाद मैंने देखा कि बच्चा कुछ हरकत नहीं कर रहा है. जब उसको पास के ही अल शिफा अस्पताल में लेकर गए तो डॉक्टर ने बताया कि 4 से 5 घंटे पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी है.''


बच्चे की मां ने कहा, ''मेरा बच्चा खत्म हो गया इसका मतबल ये नहीं कि मैं डर जाऊंगी. मैं आज भी प्रोटेस्ट में जाऊंगी. मेरे साथ और भी बच्चे हैं मैं उनको भी लेकर जाऊंगी. हम डरेंगे नहीं. जितना हमारे साथ ऐसा होगा उतनी हम अपनी हिम्मत दिखाएंगे. अब हमें भी मार के दिखाओ मैं मरने के लिए तैयार हूं.''


वहीं बच्चे के पिता अरशद ने कहा, ''मैं रोज प्रदर्शन में नहीं जाता था लेकिन जब भी सवारी लेकर जाता था तो थोड़ी देर रिक्शा साइड में लगाकर वहां जरूर जाता था. हमारे पास कोई प्रूफ नहीं है कि जो हम मोदी को दिखाएं. हमारे पास प्रूफ नहीं है तो हमें नागरिकता नहीं मिलेगी. हम यही कहना चाहेंगे मोदी जी से कि अपना कानून वापस लें. हम इसलिए नहीं कह रहे हैं क्योंकि हमने अपना बच्चा खोया है यह हमारा बोलने का हक है.''


उन्होंने कहा, ''यह कानून किसी के लिए अच्छा नहीं है, यह देश के टुकड़े-टुकड़े कर रहा है. मेरी इच्छा है मोदी और अमित शाह से कि यह कानून वापस लें. औलाद से बढ़कर कोई नुकसान नहीं है.''


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