महिला ने किया जयललिता की बेटी होने का दावा, कोर्ट ने अपोलो अस्पताल को नोटिस जारी किया
याचिका में महिला ने दावा किया कि उसे जयललिता की बहन और उसके पति को गोद दे दिया गया था. उसका लालन पालन करने वाले पिता ने पिछले साल मार्च में अपनी मृत्यु से पहले इस बारे में उसे बताया था.
चेन्नई: मद्रास हाई कोर्ट ने जयललिता की बेटी होने का दावा करने वाली एक महिला की जिज्ञासा पर अपोलो अस्पताल को नोटिस जारी कर पूछा कि क्या उसने 2016 में भर्ती हुई दिवंगत मुख्यमंत्री के 'जैविक नमूनों' को संरक्षित कर रखा गया है.
जज एस वैद्यनाथन ने महिला के आवेदन पर नोटिस जारी किया. महिला ने खुद को जयललिता की जैविक संतान बताया है. उसने अदालत से डीएनए परीक्षण कराने का आग्रह किया है.
अपनी याचिका में महिला ने दावा किया कि उसे जयललिता की बहन और उसके पति को गोद दे दिया गया था. उसका लालन पालन करने वाले पिता ने पिछले साल मार्च में अपनी मृत्यु से पहले इस बारे में उसे बताया था.
उसने कोर्ट से जमीन खोदकर जयललिता का शव निकालने का निर्देश देने और उसके परिवार को उनका दाह संस्कार करने की इजाजत देने की मांग की क्योंकि जयललिता अयंगर ब्राह्मण थीं.
महिला के वकील ने कहा है कि डीएनए मिलान के लिए यह जानना जरूरी है कि क्या अपोलो अस्पताल ने जयललिता के जैविक नमूने संरक्षित कर रखे हैं. जहां 75 दिन तक भर्ती रहने के बाद दिसंबर, 2016 में उनका निधन हो गया था. वकील ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में अस्पताल को नोटिस भेजा था लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तब उन्हें कोर्ट आना पड़ा.