पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम के बयान से सियासी माहौल गरमाया हुआ है. पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम की ओर से भाजपा नेता रेखा पात्रा को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए हैं कि वे संबंधित मंत्री पर कानून के उचित प्रावधानों के तहत निष्पक्ष और समयबद्ध जांच करें और आयोग को इस मामले में 3 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें.


आरोप है कि फिरहाद हकीम ने बीजेपी नेता रेखा पात्रा को ‘माल’ कहकर संबोधित किया. ये टिप्पणी हकीम ने रेखा पात्रा की लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ हार को लेकर की. उनके इस बयान पर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इसे आपत्तिजनक बताते हुए मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.


पीएम मोदी को कहा था दाढ़ी वाला आदमी


हकीम ने अपने इस बयान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि मोदी ने संदेशखाली मुद्दे को राजनीतिक रूप से भड़काया. हकीम ने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले एक दाढ़ी वाला आदमी बंगाल आया. क्या तुम उसका नाम याद रखते हो? उसका नाम नरेंद्र मोदी है. वह आया और संदेशखाली की माताओं और बहनों के लिए झूठी चिंता व्यक्त की. बीजेपी ने संदेशखाली से उम्मीदवार भी घोषित किया. वो उम्मीदवार कहां है? वह हार गई.


TMC के नेताओं पर साधा निशाना


शुभेंदु अधिकारी ने इस विवाद पर ममता बनर्जी पर भी तंज कसते हुए कहा कि जो व्यक्ति महिला के प्रति अपमानजनक हो सकता है वो प्रधानमंत्री के प्रति भी अपमानजनक हो सकता है. वहीं बीजेपी नेता अग्निमित्रा पॉल ने भी हकीम के बयान पर हमला करते हुए कहा कि हकीम का बयान तृणमूल कांग्रेस सरकार की महिलाओं के प्रति सोच को उजागर करता है. पॉल ने हकीम को ममता बनर्जी का दाहिना हाथ बताते हुए कहा कि ‘माल’ शब्द बहुत सस्ता और गंदा है, ये महिलाओं के प्रति अत्यंत अपमानजनक शब्द है. मुझे यकीन है कि न केवल हकीम, बल्कि तृणमूल कांग्रेस के सभी सांसद, विधायक और पार्टी के सदस्य यह सोचते हैं कि बंगाल की महिलाएं 'माल' हैं.”


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