कुशीनगर: उत्तर प्रदेश का कुशीनगर जिला पूर्वांचल के पिछड़े इलाकों में आता है, जहां अशिक्षा और गरीबी दोनों ने अपनी जड़ें जमा रखी हैं. अशिक्षित लोग अक्सर अंधविश्वास के चक्कर मे पहले पड़ जाते हैं. सरकार कोरोना महामारी के प्रति लोगो को जागरूक करने का दावा करती है पर जिम्मेदार लोगों की जागरूकता सिर्फ सरकारी कागजों में ही दिखाई दे रही है. प्रशासनिक लापरवाही को प्रमाणित करती यह तस्वीर है जहां महिलाएं खेतों में खड़ी होकर "कोरोना माई" की पूजा कर रही हैं.


मामले बढ़ने के साथ बढ़ा अंधविश्वास


कोरोना महामारी ने चीन से शुरू होकर आज विश्व भर में तबाही मचाई हुई है. कुशीनगर जिला अभी तक काफी हद तक कोरोना संकट से बचा हुआ था, लेकिन पिछले एक हफ्ते में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने से जिले में हड़कंप मचा हुआ है. कुशीनगर में कोरोना के मरीजों की संख्या 43 है, जिसमें दो लोग अपनी जान भी गवा चुके हैं. जैसे- जैसे कोरोना महामारी जिले में अपना पैर पसार रही हों लोगो का डर अंधविश्वास को जन्म दे रहा है.


महिलाएं कर रहीं कोरोना माई की पूजा


दरअसल कुशीनगर जिला मुख्यालय से सटे पडरौना शहर में शुक्रवार/शनिवार की सुबह लगभग 4 बजे से ही महिलाएं खाली खेतों के साथ जूनियर हाईस्कूल और डिग्री कॉलेज के खेल मैदान में इकट्ठा होने लगी. पूछने पर पता लगा कि यह कोरोना महामारी से बचने के लिए 'कोरोना माई' की पूजा करने के लिए इकट्ठा हो रही हैं. जमीन में छोटा सा गड्ढा खोदने के बाद उसमें पानी डालकर महिलाओं ने उसे 'कोरोना माई' का नाम दे दिया. महिलाएं नहा-धोकर नौ लड्डु, नव गुड़हल का फूल, नौ लौंग, अगरबत्तियां, कपूर और लोटे में जल लेकर घर से बाहर कोरोना बीमारी को 'कोरोना माई' का नाम देकर पूजा करने पहुंच गईं.


'बीमारी नहीं देवी का क्रोध'


पूजा करने पहुंची इन महिलाओं का मानना है कि कोरोना बीमारी नहीं देवी के क्रोध का कहर है और इस तरह से पूजा करने पर 'कोरोना माई' प्रसन्न होकर अपना क्रोध शांत कर लेंगी और यह महामारी खत्म हो जाएगी. वैसे तो ये दावा विज्ञान के अभी तक के सभी कोशिश और दावों को नकार रहा है पर इन महिलाओं से बात करने और इनके अंधविश्वास के प्रति के विश्वास देखने लायक थे. अब सोचने वाली बात है कि ऐसे में अगर यू अंधविश्वास का धुआं उड़ेगा, तो स्वभाविक है लोगों की भीड़ बढ़ने के साथ पूजा-अर्चना और कुछ लोगों का कारोबार चल पड़ेगा. दो महिलाओं से शुरू हुई यह अफवाह पूरे जिले में फैल गई है.


गाय में दिखी देवी


महिलाओं ने बताया कि खेतो में काम करते दो गाय आ गईं. जब गाय को देखकर महिलाएं भागने लगीं तो गायों ने देवी का रूप ले लिया और कहा कि डरो मत हम 'कोरोना माई' हैं. हमारी पूजा करो हम तुम लोगों को इस महामारी से बचाएंगे. महिलाओं ने कहा कि कोरोना माई ने पूजा की विधि भी बताई है अब विश्वास के आधार पर हम लोग पूजा कर रहे हैं. लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि इस तरफ की अफवाहों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं.


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