बाल-विवाह में कमी, बेटियों का ड्रॉप आउट और शिशु मृत्यु दर भी घटा... महिला दिवस से पहले जारी हुए अपराध और नौकरी के आंकड़े
Women Empowerment: मध्य प्रदेश ने महिला सशक्तिकरण को लेकर अपना लक्ष्य और अब तक महिलाओं के लिए जारी की गई सभी योजनाओं के बारे में बताया.
International Women's Day: हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जाता है. इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए आंकड़े जारी किए हैं. राज्य सरकार का कहना है कि कांग्रेस के राज में बेटियां बोझ थीं और लिंगानुपात बदतर था. महिलाओं के खिलाफ अपराध चरम पर थे. कार्रवाई नहीं होने से अपराधियों के हौसले बुलंद थे. अब बेटी की स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई योजनाएं लाई गई हैं. महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करने और उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से लाडली बहना योजना 2023 लागू की गई.
राज्य सरकार का कहना है कि बाल-विवाह की दर 57 प्रतिशत से अधिक थी. महिलाएं न तो घर से निकलती थीं और न चुनाव लड़ती थीं. अब महिलाओं के विवाह के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह और कल्याणी विवाह जैसी योजनाएं लाई गईं. महिलाओं को स्थानीय निकाय चुनाव और शिक्षक भर्ती में 50 प्रतिशत, पुलिस की नौकरियों में 30 प्रतिशत और अन्य भर्तियों में 33 प्रतिशत आरक्षण मिला. इस बार स्थानीय निकाय चुनावों में स्वयं-सहायता समूहों की 17 हजार से अधिक महिलाएं चुनाव जीतीं.
'महिला की सुरक्षा के लिए किए काम'
जहां पहले महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण को दरकिनार किया जाता था, वहीं अब इसके लिए जननी सुरक्षा, जननी एक्सप्रेस, प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना, आहार अनुदान योजनाएं एक्टिव हैं. वहीं, महिला अपराध नियंत्रण करने के लिए महिला थाने, ऊर्जा महिला डेस्क, ऑपरेशन मुस्कान, पंख अभियान, गौरवी सेंटर बनाए गए. महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति से हर जिले में एक महिला थाने की स्थापना की गई.
लाडली लक्ष्मी योजना
राज्य सरकार का कहना है कि लाडली लक्ष्मी परिवार का दारया अब 43 लाख 19 हजार से ज्यादा हो गया है. अब तक 9 लाख 20 हजार से अधिक लाडली बेटियों को 2.32 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति दी जा चुकी है. सरकार का दावा है कि साल 2006-07 में जन्म के समय 1000 बेटों पर केवल 911 बेटियां जन्म लेती थीं. आज 956 बेटियां जन्म ले रही हैं. इससे लिंगानुपात बढ़कर 948 प्रति हजार से 970 प्रति हजार हो गया है. हालांकि, इस योजना को कई लोगों ने शिवराज सरकार की सत्ता में वापसी के लिए मास्टर स्ट्रोक बताया है.
राज्य सरकार का लक्ष्य
राज्य सरकार ने अपने लक्ष्य को लेकर कहा कि हर साल 2 मई को लाड़ली लक्ष्मी दिवस मनाया जाएगा. मातृ मृत्यु दर (Maternal Mortality Rate) और शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality Rate) को न्यूनतम करने का लक्ष्य है. इस साल स्व-सहायता समूहों को 3 हजार करोड़ रुपये का क्रेडिट लिंकेज उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. इनसे यह तो साफ हो जाता है कि शिवराज सरकार का फोकस आने वाले चुनाव में महिला वोटर ही होंगी. महिलाओं में शिवराज की लोकप्रियता हमेशा से रही है. फिर चाहे वो अल्पसंख्यक वर्ग की महिला वोटर ही क्यों ना हों.