Manipur Violence Victim: मणिपुर में जारी हिंसा के बीच बगैर कपड़ों के परेड कराए जाने और बर्बरता की शिकार हुईं महिलाओं में से एक पीड़िता जो आपबीती बयां की है, उसे सुनकर किसी का भी कलेजा फट जाएगा. स्क्रॉल की रिपोर्ट के मुताबिक, एक पीड़िता ने बताया कि मेइती और कुकी समुदायों के बीच झड़प के एक दिन बाद 4 मई को कांगपोकपी जिले में उसके गांव बी फैनोम के पास बर्बरता की गई थी.


उसने बताया कि जब पता चला कि मेइती भीड़ गांव के घरों को जला रही है तो उसका परिवार और अन्य लोग भाग निकले लेकिन भीड़ ने उन्हें खोज लिया. पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसके पड़ोसी और उसके बेटे को कुछ दूरी पर ले जाकर मार डाला गया. पीड़िता के मुताबिक, इसके बाद भीड़ ने महिलाओं पर हमला करना शुरू कर दिया और 'हमारे कपड़े उतारने' के लिए कहा.


'अगर तुम अपने कपड़े नहीं उतारोगी तो...', पीड़िता की आपबीती


लगभग 40 वर्षीय पीड़िता ने बताया, ''जब हमने विरोध किया तो उन्होंने मुझसे कहा- अगर तुम अपने कपड़े नहीं उतारोगी तो हम तुम्हें मार डालेंगे.'' पीड़िता ने बताया कि उसने केवल खुद को बचाने की खातिर सारे कपड़े उतार दिए. इस दौरान पुरुषों से उसकी साथ मारपीट की. उसने बताया कि उसे नहीं पता था कि उसकी 21 वर्षीय पड़ोसी के साथ क्या हो रहा है क्योंकि वह कुछ दूरी पर थी.


महिला ने आरोप लगाया कि उसके बाद उसे एक धान के खेत में घसीटकर ले जाया गया और पुरुषों की ओर से वहां लेटने के लिए कहा गया. उसने बताया, ''मैंने वैसा ही किया जैसा उन्होंने मुझसे कहा. तीन लोगों ने मुझे घेर लिया... उनमें से एक ने दूसरे से कहा, 'आओ रेप करते हैं', लेकिन आखिर में उन्होंने ऐसा नहीं किया.'' पीड़िता ने कहा, ''वे (पुरुष) रेप करने की हद तक नहीं गए लेकिन उन्होंने मेरी छाती पकड़ी.''


21 वर्षीय महिला के साथ गैंगरेप


रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के परिजनों की ओर से दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत के अनुसार बाद में एक महिला के साथ गैंगरेप किया गया. शिकायत के आधार पर पुलिस ने 18 मई को सैकुल पुलिस थाने में जीरो एफआईआर दर्ज की थी. सैकुल पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ रेप और हत्या समेत अन्य आरोप लगाए गए हैं. पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक, घटना 4 मई की दोपहर को हुई थी. 


शिकायत में कहा गया कि कुछ अज्ञात बदमाश एके और इंसास राइफल जैसे हथियारों के साथ कांगपोकपी जिले के हमारे गांव में जबरन घुस गई थी और इसके बाद भीड़ ने घरों को जला दिया और तोड़फोड़ की. शिकायत के मुताबिक, घटना में गांव के पांच निवासी शामिल थे जो खुद को बचाने के लिए जंगल की ओर भाग रहे थे. इन लोगों में दो पुरुष और तीन महिलाएं थीं. तीन लोग एक ही परिवार के थे.  


पुलिस हिरासत से लोगों को छीन ले गई थी हिंसक भीड़


शिकायत में बताया गया कि जंगल के रास्ते में नोंगपोक सेकमाई पुलिस थाने की टीम ने उन्हें बचाया लेकिन थाने से दो किलोमीटर दूर टूबू के पास हिंसक भीड़ ने उन्हें रास्ते में रोक दिया और पुलिस टीम की हिरासत से छीन लिया. भीड़ ने पांच लोगों में शामिल 56 वर्षीय व्यक्ति की तुरंत हत्या कर दी. तीन महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया और भीड़ के सामने उन्हें निर्वस्त्र कर दिया गया. 21 वर्षीय महिला के साथ दिनदहाड़े बेरहमी से गैंगरेप किया गया जबकि अन्य दो महिलाएं इलाके के कुछ परिचित लोगों की मदद से मौके से भागने में सफल रहीं.''


बहन को बचाने आए छोटे भाई की हत्या


शिकायत में कहा गया कि 21 वर्षीय महिला के छोटे भाई ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन भीड़ में शामिल लोगों ने उसकी मौके पर ही हत्या कर दी. बाद में शिकायत को नोंगपोक सेकमाई पुलिस थाने में ट्रांसफर कर दिया गया.


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 4 मई की इस घटना के मुख्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है. बता दें कि इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस घटना का वीडियो बुधवार (19 जुलाई) को सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें मणिपुर में पुरुषों के एक समूह की ओर से दो महिलाओं को निवस्‍त्र घुमाया जा रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं और वे रो रही हैं, महिलाएं उनसे मिन्नतें कर रही हैं.


देशभर सन्न, पीएम मोदी ने दी कड़ी प्रतिक्रिया


इस मामले के सामने आने के बाद से देशभर सन्न है. लोगों में गुस्सा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पीएम मोदी ने गुरुवार (20 जुलाई) को कहा कि यह घटना किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है. उन्होंने कहा कि घटना में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.


उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है... इसके दोषियों को कभी माफ नहीं किया जा सकता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस लोकतंत्र के मंदिर के पास खड़ा हूं तब मेरा हृदय पीड़ा से भरा हुआ है, क्रोध से भरा हुआ है. मणिपुर की जो घटना सामने आई है वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है. पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, और कौन-कौन हैं, वह अपनी जगह पर है... लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है.’’


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