WATCH: Hijab विवाद पर Congress नेता Zameer Ahmed का बेहूदा बयान, कहा- जब महिलाएं हिजाब नहीं पहनतीं, उनका रेप हो जाता है
Hijab Controversy: कांग्रेस नेता जमीर अहमद ने हिजाब को लेकर चल रहे विवाद पर बेहूदा बयान देते कहा, जब महिलाएं हिजाब नहीं पहनतीं तो उनका रेप हो जाता है.
कर्नाटक के एक कांग्रेस नेता ने बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की है. कांग्रेस नेता जमीर अहमद ने हिजाब को लेकर चल रहे विवाद पर बेहूदा बयान देते कहा, जब महिलाएं हिजाब नहीं पहनतीं तो उनका रेप हो जाता है. जमीर अहमद ने कहा, इस्लाम में हिजाब का मतलब परदा होता है.
जमीर अहमद ने कहा भारत में रेप की दर सबसे ज्यादा है. इसका कारण है कि कोई घोषणा या हिजाब सिस्टम नहीं है. घोषणा या हिजाब लड़कियों की खूबसूरती छिपाने के लिए है. जमीर अहमद केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान के उस बयान पर जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस्लाम में हिजाब जरूरी नहीं है.
#WATCH | Hijab means 'Parda' in Islam...to hide the beauty of women...women get raped when they don't wear Hijab: Congress leader Zameer Ahmed on #HijabRow in Hubli, Karnataka pic.twitter.com/8Ole8wjLQF
— ANI (@ANI) February 13, 2022
शनिवार आरिफ मोहम्मद खान ने कहा था, इस्लाम में हिजाब उस तरह जरूरी नहीं है जैसे सिख धर्म में पगड़ी. उन्होंने कहा कि यह मुस्लिम लड़कियों को आगे बढ़ने से रोकने की एक साजिश है. राज्यपाल ने छात्रों से वापस क्लासरूम में लौटकर पढ़ाई करने को कहा है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में केरल के गवर्नर ने कहा था, 'हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं है. हिजाब का कुरान में 7 जगह जिक्र है. लेकिन इसका महिलाओं के ड्रेस कोड से कोई लेना-देना नहीं है. यह मुस्लिम लड़कियों को प्रगति करने से रोकने की साजिश है. हिजाब विवाद एक साजिश है ताकि मुस्लिम लड़कियों की पढ़ाई रोकी जा सके. मुस्लिम लड़कियां अब पढ़ाई कर रही हैं और जो चाहे हासिल कर रही हैं. मैं स्टूडेंट्स से कहूंगा कि वे क्लासरूम में लौटें और पढ़ाई करें.'
कर्नाटक में हिजाब विवाद के बीच सोशल मीडिया पर दो वीडियो सामने आए हैं, जिनमें दक्षिण कन्नड़ और बागलकोट जिलों में कुछ छात्र सरकारी विद्यालयों में शुक्रवार के दिन कथित तौर पर 'नमाज' अदा करते दिखाई देते हैं. दक्षिण कन्नड़ जिले के सरकारी प्राथमिक स्कूल में कथित तौर पर नमाज अदा करने वाले छात्रों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद हो गया. यह घटना चार फरवरी को हुई थी और लोगों ने इस पर आपत्ति जताई थी. शिकायत के बाद शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल पहुंचे, वहां के शिक्षकों ने कहा कि उन्होंने छात्रों को कक्षा में धार्मिक गतिविधियों में शामिल नहीं होने का आदेश दिया है.
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को एक जनहित याचिका दायर की गयी जिसमें समानता और भाईचारे को बढ़ावा देने तथा राष्ट्रीय अखंडता के वास्ते पंजीकृत शिक्षण संस्थानों में कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों के लिए समान पोशाक संहिता लागू करने का केंद्र सरकार, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश देने का आग्रह किया गया है.