महिलाओं को मिला सेना में बराबरी का हक, मोदी सरकार ने दी स्थायी कमीशन की मंजूर
केंद्र सरकार की ओर से भारतीय सेना में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमिशन की घोषणा कर दी गई है. अब सेना की सभी दस शाखाओं में शॉर्ट सर्विस कमीशन की महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन मिल सकेगा. इससे पहले महिला अधिकारियों को न्यायाधीश एडवोकेट जनरल (JAG) और सेना शैक्षिक कोर (AEC) में स्थायी कमिशन की अनुमति दी गई थी.
नई दिल्लीः भारतीय सेना में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमिशन की घोषणा केंद्र सरकार की ओर से हो गई है. रक्षा मंत्रालय ने शॉर्ट सर्विस कमीशन की महिला अधिकारियों को सेना की सभी दस शाखाओं में स्थायी कमीशन देने के आदेश पारित कर दिए हैं. इससे पहले इसी साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में एसएससी के तहत नियुक्त सभी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिए जाने की बात कही थी.
सेना में अब महिला अधिकारियों को भी सभी दस शाखाओं के अंतर्गत स्थायी कमिशन दिया जाएगा. इससे पहले महिला अधिकारियों को केवल न्यायाधीश एडवोकेट जनरल (JAG) और सेना शैक्षिक कोर (AEC) में स्थायी कमिशन की अनुमति दी गई थी. सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए संगठन में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई है.
सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद का कहना है कि "रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी आयोग के अनुदान के लिए औपचारिक सरकारी मंजूरी पत्र जारी किया है, जिससे महिला अधिकारियों को संगठन में बड़ी भूमिका निभाने का अधिकार मिल गया है." प्रवक्ता ने कहा, "यह आदेश भारतीय सेना की सभी 10 शाखाओं में महिला अधिकारियों को स्थायी कमिशन का अनुदान प्रदान करता है."
इससे पहले महिलाओं को मात्र न्यायाधीश एडवोकेट जनरल (JAG) और सेना शैक्षिक कोर (AEC) में स्थायी कमिशन की अनुमति दी गई थी. सरकार की मंजूरी के साथ, महिलाएं अब आर्मी एयर डिफेंस (एएडी), सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई), आर्मी सर्विस कोर (एएससी), आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स (एओसी) और इंटेलिजेंस कोर में स्थायी कमिशन के लिए पात्र होंगी.
बता दें कि ऐसा होने से अब महिला अधिकारियों को पेशन का लाभ मिल सकेगा. दरअसल सेना में पेंशन पाने के लिए कम से कम 20 साल की सेवा जरूरी है. वहीं शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत आए अधिकारी 15 साल या उससे कम समय तक अपनी सेवा दे पाते थे. जिसके कारण उन्हें पेंशन की सुविधा नहीं मिलती है. अब महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन मिलने से उन्हें भी पेंशन का लाभ मिल सकेगा.
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