Assam Gov Campaign Against Child Marriage: एक तरफ असम में बाल विवाह के खिलाफ (Child Marriage) बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जा रही है. दूसरी तरफ अब महिलाओं को घर और बच्चों की चिंता सताने लगी है. तमाम महिलाएं अपने पति और बेटों की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध में उतर गई हैं. कई महिलाओं ने गिरफ्तारी को लेकर सवाल खड़े किए हैं और कईयों ने चिंता जताई है कि घर के पुरुषों के न होने से उनका घर कैसे चलेगा.
दरअसल, असम की कैबिनेट (Assam Cabinet) ने हाल ही में फैसला किया था कि 14 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी करने वालों पर पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. साथ ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और विवाह को अवैध करार दिया जाएगा. इसे लेकर राज्य में गिरफ्तारी अभियान जारी है. अब तक इस मामले में राज्यभर से 2,044 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
महिलाओं का क्या कहना है?
बेटों और पति की गिरफ्तारी के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं आगे आकर अब इसका विरोध करने लगी हैं. माजुली जिले की 55 वर्षीय महिला ने सवाल उठाया कि आखिर पुरुषों की ही गिरफ्तारी क्यों की जा रही है. "उनके जेल जाने के बाद हम और हमारे परिवार का गुजारा कैसे होगा"? उन्होंने कहा कि उनके पास आय का कोई साधन नहीं है.
नाम न बताने की शर्त पर बारपेटा जिले की एक महिला ने कहा कि उसका बेटा एक नाबालिग लड़की के साथ भाग गया था. 'उसने गलती की, लेकिन मेरे पति को क्यों गिरफ्तार किया?' वहीं, मोरीगांव की मोनोवारा खातून ने कहा कि उनकी बहू 17 साल की थी जब उसकी शादी हुई थी. अब वह 19 साल की है और पांच महीने की गर्भवती है. उसकी देखभाल कौन करेगा?
मामले में कितने केस दर्ज?
मामले में अब तक 2,000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है और चार हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने कहा कि उनके पास 8,000 आरोपियों की लिस्ट है. पुलिस ने धार्मिक संस्थानों में इस तरह की शादी की रस्में कराने वाले 51 पुरोहितों और काजियों को भी गिरफ्तार किया है. बिश्वनाथ जिले में सबसे ज्यादा 137 गिरफ्तारियां की गई हैं. इसके बाद धुबरी में 126, बक्सा में 120, बारपेटा में 114 और कोकराझार में 96 गिरफ्तारियां हुई हैं.
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