नई दिल्ली: महिला दिवस के मौके पर संसद और विधानसभाओं में महिला आरक्षण की मांग का मुद्दा फिर गर्माया. संसद भवन के ठीक बाहर महिला कांग्रेस ने प्रदर्शन किया. सभी प्रदर्शनकारी लाल कपड़े पहनकर आई थीं और उन्होंने बेहद आक्रामक प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन ठीक 11 बजे तब शुरू हुआ जब संसद की कार्यवाही शुरू होती है.
महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव और महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता दौड़ते हुए विजय चौक से संसद की तरफ लपकीं. अचानक हुए प्रदर्शन के लिए पुलिस तैयार नहीं थी. इस वजह से प्रदर्शनकारी संसद के काफी नजदीक तक पहुंच गए. कुछ देर के हंगामे के बाद महिला पुलिस के पहुंचने के बाद सबको हिरासत में लेकर विजय चौक को खाली करवाया गया.
हिरासत में लिए जाने से पहले सुष्मिता देव ने कहा कि "साढ़े तीन साल हो गए, महिला आरक्षण बिल कहां है? हम बोल बोल कर थक गए. संसदीय कार्य मंत्री समय नहीं देते. इसी वजह से हमने ऐसा प्रदर्शन किया. मोदी सुनते नहीं हैं." इस दौरान महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता "बेटी को सदन में लाओ" का नारा लगा रही थीं.
इस प्रदर्शन की सबसे खास बात ये थी कि नेता से लेकर तमाम प्रदर्शनकारियों ने लाल रंग का कपड़ा पहना हुआ था. दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, ''लाल रंग महिलाओं की ताकत का प्रतीक है. भारतीय जनता पार्टी ने घोषणापत्र में महिला आरक्षण का वादा किया था लेकिन चार सालों में कोई कोशिश नहीं की.''
प्रदर्शन से पहले कांग्रेस की महिला सांसदों ने सोनिया गांधी से मुलाकात की. कांग्रेस सांसदों का कहना था कि अपने कार्यकाल में कांग्रेस ने महिला आरक्षण बिल राज्यसभा से पास करवाया था.
महिला आरक्षण का मुद्दा अपनी जगह है लेकिन जिस आक्रामक अंदाज में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया है उससे साफ है आने वाले दिनों में उनके तेवर और तीखे होंगे.