Women's Reservation Bill: संसद सत्र से पहले गरमाया महिला आरक्षण बिल का मामला, विपक्षी दलों ने बिल को तुरंत पेश करने की मांग की
Women's Reservation Bill: शीतकालीन सत्र के एजेंडे पर विचार करने के लिए बुलाई गई बैठक में विपक्षी दलों ने विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण देने वाले बिल को संसद में पेश करने की मांग की.
Women's Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल का मामला एक बार फिर गरमा गया है. बुधवार (7 दिसंबर) से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले तमाम विपक्षी दलों ने सरकार से बिल को तुरंत संसद में पेश करने की मांग की है. सत्र के एजेंडे पर विचार करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने गुरुवार (6 दिसंबर) की शाम लोकसभा कार्यमंत्रणा समिति ( Business Advisory Committee) की बैठक बुलाई. बैठक में मौजूद विपक्षी सदस्यों ने अन्य मुद्दों के अलावा संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण देने से जुड़े बिल को तुरंत लाने की मांग कर डाली.
इस मुद्दे को उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि पूरा विपक्ष इस बिल का समर्थन करने को तैयार है इसलिए बिल को पारित करवाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. सूत्रों के मुताबिक़ बैठक में मौजूद कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, डीएमके के टीआर बालू, अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल और जेडीयू के ललन सिंह ने भी इसका समर्थन किया. ललन सिंह ने इस मुद्दे पर सरकार से तुरंत सर्वदलीय बैठक भी बुलाने की मांग की.
सरकार पहले बिल लेकर आए
सरकार की ओर से जवाब देते हुए बैठक में मौजूद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जेडीयू के ललन सिंह से पूछा कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल की क्या राय है? इस पर ललन सिंह और बाकी विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि सरकार को पहले बिल लेकर आना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार बिल लेकर आती है तो उसे पारित करवाने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
ठंडे बस्ते में पड़ा है बिल
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार महिला आरक्षण बिल लेकर आई थी लेकिन तब जेडीयू के शरद यादव, सपा के मुलायम सिंह यादव और आरजेडी के लालू यादव के जबर्दस्त विरोध के चलते संसद से पारित नहीं हो पाया था. बिल में संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित करने का प्रावधान किया गया था. तब से यदा कदा तो चर्चा होती है लेकिन बिल ठंडे बस्ते में ही पड़ा है. सवाल ये है कि 2024 चुनाव के पहले क्या ये जिन्न फिर से बाहर आने वाला है?