Women Reservation Bill Debate: लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी एक तिहाई सुनिश्चित करने के लिए महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा की मुहर लग चुकी है. 27 सालों से पेंडिंग रहे इस बिल को राज्यसभा में भी पास किया जा सकता है. इसके बावजूद पूरे देश में यह बहस चल रही है कि अगर यह बिल संसद के दोनों सदनों में पास भी हो गया तो कब से लागू होगा?


आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि आने वाले 20-25 सालों तक यह बिल लागू नहीं हो पाएगा. इसकी वजह बताते हुए सिंह ने कहा है कि बिल के प्रावधान में सेंसस (जातिगत जनगणना) और परिसीमन के बाद ही इसे लागू करने की बात है. इसलिए जातिगत जनगणना और परिसीमन में सालों लग जाएंगे.


मोदी सरकार ने ज़बरदस्ती डाला क्लॉज़


न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में संजय सिंह ने कहा, "कल (20 सितंबर को लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान) भी मैंने कहा था, आज फिर से दोहरा दे रहा हूं. यह महिला आरक्षण बिल पिछले 20-25 सालों से पेंडिंग था और आने वाले 20-25 सालों में भी लागू नहीं होगा. क्यों लागू नहीं होगा! यह भी बता दे रहा हूं. महिला आरक्षण बिल में एक जबरदस्ती का क्लोज जो नरेंद्र मोदी सरकार की नीयत को उजागर करता है, वह इन्होंने डाला है. पहले सेंसस होगा, फिर डीलिमिटेशन होगा, फिर आरक्षण लागू होगा."


सरकार के मंशा पर सवाल
महिला आरक्षण को लेकर संजय सिंह ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, "अगर आपकी (केंद्र सरकार) मंशा 33% महिलाओं को आरक्षण देने की है तो 2024 के चुनाव में लागू कीजिए. इसका मतलब है कि पिछले 9 सालों में जो आप हर मुद्दे पर जुमला बोलते रहे हैं, वैसा ही लोकसभा चुनाव से पहले आपने महिलाओं को लुभाने के लिए एक चुनावी जुमला छोड़ दिया है. यह महिलाओं के आरक्षण का बिल नहीं है, महिलाओं को बेवकूफ बनाने का बिल है.


"बीजेपी महिला विरोधी"
बीजेपी पर महिला विरोधी होने का आरोप लगाते हुए संजय सिंह ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी अपने मूल चरित्र में महिला विरोधी है. इनका एक मिनिस्टर हरियाणा में महिलाओं के साथ दुष्कर्म में आरोपी पाया जाता है. एक सांसद पर देश के अंतरराष्ट्रीय स्तर की महिला पहलवानों से छेड़खानी का आरोप लगता है. पॉक्सो लगता है. इनके पूरे चरित्र को देखिए. चाहे हाथरस कांड हो, उन्नाव कांड हो, हमेशा ये महिला विरोधी साबित हुए हैं. जिन्होंने महिलाओं का उत्पीड़न किया है वे जो महिला आरक्षण बिल लेकर आए हैं, ये चुनावी जुमला है."


ओबीसी प्रतिनिधित्व की भी मांग दोहराई
संजय सिंह ने एक बार फिर आरक्षण में OBC प्रतिनिधित्व की मांग दोहराई. उन्होंने कहा, "इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने कहा है कि इस देश में इतनी बड़ी संख्या में ओबीसी के लोग रहते हैं. इस आरक्षण में आपने उनको क्या प्रतिनिधित्व दिया है? इस मुद्दे पर पहले भी विरोध होता रहा है. इसलिए मैं समझता हूं कि यह एक ऐसा जुमला है, जिसे देश के लोग समझ रहे हैं."


आपको बता दें कि बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक को पेश किया गया था इसके समर्थन में 454 सांसदों ने वोटिंग की थी जबकि विपक्ष में केवल दो वोट पड़े थे. अब राज्यसभा में पारित होने के बाद इसे कानूनी जामा पहनाने के लिए राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा.


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