Women Reservation Bill News: लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच तीखी नोंकझोंक हुई. दरअसल, महिला आरक्षण बिल के लिए अधीर रंजन ने अपनी पार्टी को श्रेय देने की मांग की. इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें कुछ ऐसा कहा, जिस पर हंगामा हो गया है. बता दें कि महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम का नाम दिया गया है.
दरअसल, अधीर रंजन चौधरी और अमित शाह के बीच महिला आरक्षण बिल के इतिहास पर बहस हुई. इस बिल के जरिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की एक तिहाई सीटों को महिलाओं के लिए आरक्षित करने की बात कही गई है. सांसदों के बीच आम सहमति नहीं बनने की वजह से ये बिल पिछले 27 सालों से पेंडिंग पड़ा हुआ था. मंगलवार को केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश किया.
अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा?
नए संसद भवन की लोकसभा के पहले सत्र में बोलते हुए कांग्रेस सांसद अधीर रंजन ने कहा कि उनकी पार्टी राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की वकालत करने में सबसे आगे रही है. उन्होंने बताया कि स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी इस बिल को लेकर आए थे.
अधीर रंजन ने कहा कि तब से कांग्रेस लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए कानून लाने की कोशिश कर रही है. लोकसभा में विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की सरकारों ने इस बिल को पास कराने की कोशिश की. मगर उन्हें लोकसभा और राज्यसभा में चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
कांग्रेस सासंद ने कहा कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान लाया गया बिल राज्यसभा में पास हो गया था. इसका मतलब है कि ये अभी भी मौजूद है. कांग्रेस वर्किंग कमिटी के प्रस्ताव में भी इस पर बात की गई है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर चिट्ठी भी लिखी. हम महिला आरक्षण बिल की मांग को दोहराते हैं.
अमित शाह ने क्या कहा?
अधीर रंजन चौधरी के दावों को खारिज करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता के बयान में दो तथ्यात्मक गलतियां रही हैं. अमित शाह ने बताया कि पहली गलती ये है कि महिला आरक्षण बिल कभी लोकसभा में पास हुआ ही नहीं है. दूसरा गलती ये है कि 2014 में 15वीं लोकसभा के भंग होने के साथ ही पुराना बिल खत्म हो गया. अमित शाह ने कांग्रेस सांसद से अपने दावों को साबित करने के लिए दस्तावेज दिखाने को कहा. उन्होंने कहा कि अगर वह ऐसा नहीं कर सकते हैं तो अपना बयान वापस लें.
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