Women Reservation Bill In RajyaSabha: लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की एक तिहाई भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम (महिला आरक्षण बिल) लोकसभा में प्रचंड बहुमत से पास हो गया. अब राज्यसभा में चर्चा जारी है. बिल में जातिगत आरक्षण और 2024 लोकसभा चुनाव में लागू न करने के सवालों पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिलसिलेवार तरीके से राज्यसभा में जवाब दिया.


जेपी नड्डा ने संबोधन में इस बात की ओर इशारा भी किया कि अगर तत्काल प्रभाव से इसे लागू कर दिया जाएगा तो यह संसदीय प्रक्रिया का उल्लंघन होगा, जिससे बिल लागू होने के बजाय कानूनी दाव-पेंच में फंस सकता है. इसके अलावा महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण को लागू करने की कांग्रेस की मांग पर भी वह जमकर बरसे. राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे से उनकी तीखी बहस हुई. नड्डा ने कहा, 'आप ओबीसी की बात करते हैं लेकिन ओबीसी समुदाय को गाली देते हैं और माफी भी नहीं मांगते.'


नड्डा ने कहा, "महिलाओं को किस सीट पर आरक्षण मिले, किस सीट पर न मिले, इसका फैसला कौन करेगा. इसका फैसला सरकार नहीं करती. इसका फैसला जुडिशल बॉडी करती है, उसको नॉमिनेट करना पड़ता है. मैं अगर सरकार में हूं और वायनाड को रिजर्व कर दूं तो मैं रायबरेली को रिजर्व कर दूं तो कलबुर्गी को कर दूं तो नहीं चलेगा? इसलिए जनगणना और परिसीमन के बाद ही बिल को लागू करना संवैधानिक प्रावधान है.


बीजेपी में सबसे अधिक OBC


ओबीसी सांसदों की बात करते हुए जेपी नड्डा ने कहा, 'भारत को पहला ओबीसी प्रधानमंत्री भारतीय जनता पार्टी ने दिया है. आज 27 मंत्री ओबीसी से हैं. बीजेपी के 303 सांसदों में से 29 फीसदी ओबीसी हैं. कांग्रेस के जितने सांसद हैं उससे ज्यादा हमारे ओबीसी सांसद हैं. ये तो सिर्फ लोकसभा का आंकड़ा है. आप तो ओबीसी को गाली देते हैं और माफी भी नहीं मांगते हैं.'

 

नड्डा जब यह बात कह रहे थे तो गृह मंत्री अमित शाह हंसते हुए टेबल थपथपा रहे थे. वहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस पर नड्डा ने कहा कि राजद सांसद खामोश रहें. मैं कांग्रेस की बात कर रहा हूं.

 

'हमारा नजरिया बेचारी, अबला नारी जैसा कभी नहीं रहा'

देश के विकास में महिलाओं की भूमिका बताते हुए नड्डा ने कहा, "बहुत देशों से काफी पहले भारत ने महिलाओं को मतदान का पूर्ण अधिकार दिया. कई देशों से पहले हमारे देश में महिला प्रधानमंत्री हुईं. इसलिए हमारे देश में नारी अबला कभी नहीं रही. 21वीं सदी महिलाओं की है. हमें खुशी है कि भारत की महिलाएं खुद को लीडिंग रोल में लेकर आई हैं. बहुत से ऐसे देश हैं जिन्होंने महिलाओं को वोटिंग राइट्स देने के लिए लंबा संघर्ष किया था. हमारा नजरिया बेचारी, अबला नारी जैसा कभी नहीं रहा. हमने हमेशा महिलाओं को सम्मान दिया है. नारी शक्ति वंदन अधिनियम लाकर हम महिलाओं को सम्मान देने का काम कर रहे हैं. रिसर्च ने ये बताया है कि महिलाओं में डिसीजन मेकिंग कैपेसिटी ज्यादा होती है. रिसर्च ये भी बताती है कि नशा के खिलाफ महिलाओं ने आवाज उठाई है. जहां महिलाएं लीड रोल में हैं वहां करप्शन कम होता है. ऐसा नहीं है कि मैं पुरुषों के खिलाफ बोल रहा हूं.' नड्डा ने जीजाबाई से लेकर रानी लक्ष्‍मीबाई तक का भी जिक्र किया. 

 

ट्रिपल तलाक का मुद्दा भी उठाया

राज्‍यसभा में जेपी नड्डा ने कहा, 'ट्रिपल तलाक बांग्‍लादेश, पाकिस्‍तान, ईरान, इराक, सीरिया, इंडोनेशिया में नहीं लेकिन हमारे भारत में चल रहा था. सुप्रीम कोर्ट के कहने के बावजूद चल रहा था. क्‍योंकि हम माइनॉरिटी अपीजमेंट, वोट बैंक की पॉलिटिक्‍स करते हैं. पीएम मोदी की इच्‍छाशक्ति थी कि ट्रिपल तलाक खत्‍​म हो गया.'

 

उन्होंने कहा, "9 साल में महिलाओं के लिए किए गए कार्यों के लिए सरकार को धन्यवाद देता हूं. नारी शक्ति वंदन ये शब्दावलि महिलाओं को सम्मान की नजर से देखने के दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है. भारतीय संस्कृति में महिलाओं का बहुत बड़ा स्थान रहा है. हमने नारी को शक्ति के रूप में देखा है, देवी के रूप में देखा है." नड्डा के संबोधन के दौरान खरगे ने कहा कि वह इंदिरा गांधी को भूल गए. इसके जवाब में नड्डा ने कहा कि आप आत्म प्रशंसा में इतने मुग्ध हैं कि मेरी बात भी नहीं सुन रहे हैं. मैंने पहले ही कहा है कि इस देश में पहली महिला प्रधानमंत्री हुई हैं.