Women Reservation Bill: महिला आरक्षण पर बिल ला सकती है सरकार, बुधवार को पेश हो सकता है विधेयक
Women Reservation Bill in Parliament: केंद्र सरकार संसद में महिला आरक्षण पर बिल ला सकती है. इस बिल को बुधवार को पेश किया जा सकता है.
Women Reservation Bill News: केंद्र सरकार की तरफ से संसद में महिला आरक्षण बिल लाया जा सकता है. सोमवार से संसद के विशेष सत्र की शुरुआत हुई है. ऐसे में बुधवार को महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश किया जा सकता है. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. इस बिल के आसानी से पारित होने की उम्मीद भी नजर आ रही है, क्योंकि बिल को लेकर विपक्षी नेताओं ने भी सहमति जताई है. विपक्ष की तरफ से इस बिल को लेकर जोरदार हिमायत की गई है.
दरअसल, सोमवार से शुरू हुए सत्र से ठीक एक दिन पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया. इसमें विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. समेत एनडीए के नेताओं ने हिस्सा लिया. इस दौरान महिला आरक्षण बिल को लेकर चर्चा हुई, जिसे पास कराने को लेकर न सिर्फ इंडिया नेताओं ने हामी भरी, बल्कि एनडीए नेता भी इसके समर्थन में नजर आए. इससे ही साफ हो गया था कि इस बिल को बेहद ही आसानी से संसद से पास करवाया जा सकेगा.
लोकसभा और राज्य विधानसभाओं महिला आरक्षण की वकालत
सर्वदलीय बैठक में सरकार ने महिला आरक्षण बिल को लेकर कहा कि वह उपयुक्त समय का इंतजार कर रही है. उसके आधार पर ही फैसला लिया जाएगा. इस बैठक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसी निर्वाचित संस्थाओं में महिला आरक्षण की जोरदार वकालत की गई. हालांकि, अगर सूत्रों की मानें तो महिला आरक्षण बिल बुधवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा. अगर यहां से ये पास हो जाता है, तो फिर इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा.
महिला आरक्षण बिल पर क्या कहा गया?
कांग्रेस और उसके सहयोगियों के जरिए महिला आरक्षण बिल लाने की मांग की गई है. इस पर बीजेपी और एनसीपी जैसी उसकी सहयोगियों पार्टियों ने भी कहा कि वह इस मुद्दे पर उनके साथ खड़ी हैं. भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और बीजू जनता दल (बीजद) ने सरकार से गुजारिश की कि संसद की कार्यवाही नई इमारत में ट्रांसफर होने के अवसर पर महिला आरक्षण बिल पारित कर इतिहास रचा जाए.
टीएमसी भी महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए नजर आई. उसने बीजेपी में महिला सांसदों की बड़ी संख्या का जिक्र भी किया. हालांकि, आरजेडी, समाजवादी पार्टी जैसी कुछ क्षेत्रीय पार्टियों ने भले ही महिलाओं को आरक्षण दिए जाने की वकालत की. मगर उन्होंने आरक्षण में पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति की महिलाओं का कोटा निर्धारित करने का मुद्दा भी उठाया.
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