Women Reservation Bill Passed: लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने के लिए 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम (महिला आरक्षण बिल' पर लोकसभा की मुहर लग चुकी है. इसके बाद राज्यसभा में शिवसेना (उद्धव गुट) की उपनेता (डेप्युटी लीडर) प्रियंका चतुर्वेदी ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने इस सफलता को देशभर की महिलाओं की लड़ाई करार दिया है.


एएनआई से बातचीत में प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "महिला आरक्षण विधेयक पर खुशी इस बात की है कि सभी राजनीतिक दलों ने एआईएमआईएम को छोड़कर महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया है. वे महिला अधिकारों की बात करते हैं लेकिन जब अधिकारों की बात आती है तो उसके खिलाफ वोट करते हैं. खुशी इस बात की है कि सभी पार्टी के लोगों ने वोट किया है. यह ऐतिहासिक पल है. पार्टी लाइन के परे सभी महिलाओं ने यह लड़ाई लड़ी है."


2010 के वाकए को किया याद
यूपीए 2 के शासन के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने 2010 में इस विधेयक को राज्यसभा में पेश कर पारित करवाया था. उसे याद करते हुए प्रियंका कहती हैं, "मुझे अभी भी याद है जब यह 2010 में पास (राज्यसभा में) हुआ था. तब वृंदा करात जी हों, सुषमा स्वराज जी हों, सोनिया गांधी जी हों, सबने मिलकर इसका वेलकम किया था. दुख है कि तब लोकसभा में पास नहीं हुआ था. इसलिए लड़ाई हम लड़े हैं."


तत्काल लागू नहीं होने पर हल्की निराशा
हालांकि प्रियंका चतुर्वेदी ने इस बिल के 2024 लोकसभा चुनाव में लागू नहीं होने को लेकर हल्की निराशा जाहिर की. उन्होंने कहा, दुख इस बात का है और मुझे पूरी खुशी नहीं हुई है क्योंकि यह (आरक्षण) फ्यूचर डेट पर शुरुआत होगी. 2024 चुनाव से लागू नहीं होगा. यह इसके बाद आने वाले चुनाव से इसकी शुरुआत होगी.


आने वाले दिनों में संसद में और महिलाओं की भागीदारी की उम्मीद जताते हुए प्रियंका कहती हैं, "मैं कहूंगी श्री गणेश हुआ है, शुभारंभ हुआ है, शुभ काम की शुरुआत है. जितनी भी महिलाओं ने इसमें भागीदारी की है, मैं उन सबको बधाई देना चाहती हूं. उम्मीद करती हूं कि आने वाले समय में पार्लियामेंट में हम और अधिक महिलाओं को देखेंगे."


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