Women Reservation Bill: महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल) को संसद से मंजूरी मिल चुकी है. इसको लेकर शुक्रवार (22 सितंबर) को भी बयानबाजी जारी रही. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पूर्व सीएम मायावती ने महिला आरक्षण के लागू होने में देरी और ओबीसी आरक्षण को लेकर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल पास होने पर इसे ऐतिहासिक करार दिया.


पीएम मोदी ने क्या कहा?
बीजेपी की महिला मोर्चा की तरफ से शुक्रवार (22 सितंबर) को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने वाला विधेयक संसद से इसलिए पारित हो सका क्योंकि केंद्र में निर्णायक सरकार है. उन्होंने कहा, ''नारी शक्ति वंदन विधेयक का दोनों सदनों से पारित होना इस बात का साक्षी है कि जब पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार होती है तो देश कैसे बड़े फैसले लेता है और बड़े पड़ावों को पार करता है.’’


विपक्ष पर क्या कहा?
पीएम मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और समाजवादी पार्टी जैसे दलों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि संसद में महिला आरक्षण विधेयक की प्रतियां फाड़ने वाले राजनीतिक दलों को भी इसका समर्थन करना पड़ा. हर पार्टी को इसका समर्थन करना पड़ा. 


उन्होंने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पहले यह विधेयक संसद में तो लाया गया लेकिन लीपापोती हुई और सिर्फ नाम दर्ज कराए गए. विधेयक को पारित कराने के तब निष्ठापूर्वक प्रयास नहीं किए गए क्योंकि इनकी मंशा नहीं थी पास कराने की. यह हमारा सौभाग्य है कि लोगों ने इस सरकार को ऐसा करने का मौका दिया.’’


बीजेपी क्या बोली?
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी के महिला आरक्षण बिल में ओबीसी महिलाओं को अलग से रिर्जेवशन देने के बयान पर कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान लाए गए विधेयक में क्यों नहीं था. कांग्रेस कई सालों तक सत्ता में रही. 


राहुल गांधी ने क्या कहा?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक तत्काल लागू किया जा सकता है, इसके लिए नई जनगणना और परिसीमन की जरूरत नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जाति आधारित जनगणना से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. 


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार से कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के समय हुई जाति जनगणना के आंकड़े जारी करने का आग्रह किया. उन्होंने वादा किया  कि अगर 2024 में उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो जाति जनगणना कराई जाएगी. 


राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यह कहा गया है कि महिला आरक्षण देने से पहले हमें जनगणना करनी पड़ेगी. परिसीमन भी करना होगा. दोनों चीजों को करने के लिए कई साल लगेंगे. सच्चाई ये है कि महिला आरक्षण को आज लागू किया जा सकता है. लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट आज ही महिलाओं को दी जा सकती हैं. यह कोई जटिल मामला नहीं है.’’


'अफसोस है कि...'


राहुल गांधी ने इसमें ओबीसी महिलाओं के लिए अलग से कोटे की मांग की. इसके अलावा उन्होंने अफसोस जताया कि यूपीए सरकार के रहते हुए महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी कोटे नहीं था.


मायावती क्या बोलीं?
पूर्व सीएम और बसपा सुप्रिमो मायावती ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को महिला आरक्षण विधेयक में शामिल करने के साथ ही अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की महिलाओं को अलग से आरक्षण देने की मांग की.


मायावती ने सोशल मीडिया साइट 'एक्‍स' पर पोस्ट में लिखा, ‘‘महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाने का स्वागत, किन्तु देश इसका भरपूर व जोरदार स्वागत करता अगर उनकी अपेक्षाओं के मुताबिक यह अविलंब लागू हो जाता. अब तक लगभग 27 वर्षों की लम्बी प्रतीक्षा के बाद अनिश्चितता का अब आगे और लम्बा इंतजार करना कितना न्याय संगत?''






उन्होंने आगे कहा, ‘‘वैसे देश की आबादी के बहुसंख्यक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समाज की महिलाओं को आरक्षण में शामिल नहीं करना बहुजन समाज के उस बड़े वर्ग को न्याय से वंचित रखना है. इसी प्रकार एससी व एसटी समाज की महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं देना भी उतना ही अनुचित व सामाजिक न्याय की मान्यता को नकारना है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘किन्तु जहां चाह है वहां राह है और इसलिए सरकार ओबीसी समाज को इस महिला आरक्षण बिल में शामिल करे, एससी व एसटी वर्ग (अनुसूचित जाति-जनजाति) महिलाओं को अलग से आरक्षण दे तथा इस विधेयक को तत्काल प्रभाव से लागू करने के सभी जरूरी उपाय करे. धार्मिक अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं की भी उपेक्षा अनुचित.’’


इनपुट भाषा से भी. 


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