Women Reservation Bill Passed: महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक) गुरुवार (21 सितंबर) को राज्यसभा में चर्चा के बाद पारित हो गया. इसके पक्ष में सदन में 214 वोट पड़े जबकि विरोध में एक भी वोट नहीं पड़े.


नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक राज्यसभा से पास होने पर सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सरकार को बधाई देते हुए कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है. उन्होंने कहा, ''यह संयोग ऐसा है कि हिंदू रीति विधि के अनुसार आज पीएम मोदी का जन्मदिन भी है. मैं उन्हें बधाई देता हूं.''


दरअसल पीएम मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ था. उन्होंने रविवार (17 सितंबर) को अपना 73वां बर्थडे बनाया. बता दें कि राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर हुई चर्चा में कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर इसके लागू होने में देरी पर सवाल उठाए तो इसपर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जवाब दिया. 






कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह सरकार 2014 में ही सत्ता में आ गई थी और उसने महिला आरक्षण लागू करने का वादा भी किया था. उन्होंने सवाल किया कि सरकार को इतने समय तक यह विधेयक लाने से किसने रोका.


केसी वेणुगोपाल ने आगे कहा कि कानून के जनगणना और परिसीमन के बाद लागू होने की बात की गई. सरकार को बताना चाहिए कि जनगणना और परिसीमन का काम कब होगा,. वहीं कांग्रेस सदस्य रंजीत रंजन ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने सवाल किया कि इस विधेयक के लिए संसद के विशेष सत्र की क्या जरूरत थी?


जेपी नड्डा से मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कहा?
जेपी ऩड्डा ने इसपर कहा, ‘‘हम यह मानते हैं कि आज अगर यह विधेयक पारित करते हैं तो 2029 में 33 प्रतिशत महिलाएं सांसद बनकर आ जाएंगी. यह बात पक्की है.’’ मल्लिकार्जुन खरगे ने  2029 में कानून के लागू होने के नड्डा के बयान पर कहा कि सरकार चाहे तो इसे अभी लागू कर सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘कल करे सो आज कर और आज करे सो अब.’’


वहीं अर्जुन राम मेघवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि आशंका मत करो मोदी है तो मुमकिन है. 


लोकसभा से भी हो चुका है पास
लोकसभा ने महिला आरक्षण संबंधी संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 बुधवार (20 सितंबर) चर्चा के बाद 2 के मुकाबले 454 वोट से पास हुआ था. इस बिल पर कांग्रेस, डीएमके और सपा सहित लगभग सभी विपक्षी पार्टियों ने समर्थन किया. 





हालांकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम)  के चीफ असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने महिला आरक्षण बिल के विरोध में मत किया था. ओवैसी ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक में मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण देने की मांग की थी. 


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