अगर पास हो गया महिला आरक्षण बिल तो भी 2024 के चुनाव में नहीं हो सकेगा लागू, ये है वजह
I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल शुरुआत से बिल के खिलाफ हैं, जबकि कांग्रेस शुरुआत से बिल के पक्ष में है. कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में भी इस पर जोर दिया गया.

संसद और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसद रिजर्वेशन को लेकर 27 सालों से अधर में लटके महिला आरक्षण बिल के संसद के विशेष सत्र में पास होने की उम्मीद है. सोमवार (18 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. सूत्रों की मानें तो सरकार ने बिल को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही बिल को विशेष सत्र में पेश किए जाने की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं. बिल अगर पास हो जाता है तो इसके लागू होने लिए 2029 तक का इंतेजार करना पड़ेगा. यानि अगले साल 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में यह लागू नहीं सकेगा.
सरकार की तरफ से अभी तक आधिकारिक तौर पर महिला आरक्षण बिल को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है. हालांकि, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बिल पास करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते एक ट्वीट किया था, लेकिन बाद में इसे डिलीट कर दिया.
इस वजह से 2024 में लागू नहीं किया जा सकेगा बिल
सूत्रों के मुताबिक, बिल विशेष सत्र में पेश किया जा सकता है, लेकिन इसमें कई दांव पेंच हैं, जिसकी वजह से इसको आगामी लोकसभा चुनाव में लागू करना मुश्किल होगा. सूत्रों ने बताया कि 2026 में परिसीमन का काम शुरू होना है, जिसके बाद अगले लोकसभा चुनाव यानि 2029 में बिल को लागू किया जा सकेगा. हालांकि, बिल पास होने के बाद इसे लेकर प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो सकती है.
विपक्ष के लिए साबित हो सकता है बड़ा दांव
सूत्रों ने ये भी संकेत दिए किए बिल पास होने के बाद न सिर्फ सरकार की तारीफें होंगी, बल्कि विपक्ष के खिलाफ भी बड़ा दांव साबित हो सकता है. सूत्रों ने कहा कि इस कदम के जरिए सरकार विपक्ष को बैकफुट पर लाने का काम करेगी और I.N.D.I.A गठबंधन के जिन घटक दलों के बीच तकरार है वो भी सामने आ सकती है. 2008 में यूपीए की सरकार में राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पास हुआ था और कांग्रेस 9 सालों से इसे लोकसभा में भी पास करने की मांग कर रही है. I.N.D.I.A गठबंधन के और भी दल बिल के समर्थन में हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल शुरुआत से इसके विरोध में हैं. 27 सालों में जब-जब यह बिल सदन में पेश हुआ दोनों पार्टियों ने जमकर अपना विरोध जताया. सपा और आरजेडी I.N.D.I.A गठबंधन का हिस्सा हैं.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

