नई दिल्ली: उत्तराखंड में ट्रांसफर की फरियाद लेकर महिला शिक्षक उत्तरा पंत के साथ सीएम त्रिवेंद्र सिंह के व्यवहार की हर तरफ आलोचना हो रही है. इस बीच महिला शिक्षक ने दावा किया है कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने आज फोन करके खेद जताया है. शिक्षिका के मुताबिक मंत्री ने घटना की जानकारी ली और ट्रांसफर को लेकर भी आश्वासन दिया. शिक्षा के मुताबिक शिक्षा मंत्री तीन तारीख को उनसे मुलाकात भी करेंगे. मंत्री के खेद जताने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री रावत भी माफी मांगेंगे?
पत्नी के ट्रांसफर को लेकर विवाद में CM रावत
सीएम त्रिवेंद्र रावत अपनी पत्नी सुनीता की वजह से विवादों में घिर गए हैं. विवाद इस बात को लेकर हो रहा है कि साल 2008 में हुए उनकी पत्नी के प्रमोशन के बाद से अब तक उनका किसी दूसरी जगह ट्रांसफर नहीं हुआ है. एक राइट टू इंफॉर्मेशन (आरटीआई) में खुसाला हुआ है कि सुनिता रावत ने पौढी गढवाल के एक स्कूल में साल 1992 में पढ़ाना शुरू किया था. साल 1996 में उनका ट्रांसफर देहरादून में कर दिया गया जिसके बाद से उनका कोई ट्रांसफर नहीं हुआ है. साल 2008 में उन्हें प्रमोशन तक दिया गया लेकिन बावजूद इसके उनका कोई ट्रांसफर नहीं हुआ.
क्या है पूरा मामला?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रावत की जनता दरबार में पहुंची एक विधवा टीचर जब अपनी समस्या सीएम को बताई तो वो भड़क उठे और सीधा निलंबन (सस्पेंड) और गिरफ्तारी का आदेश सुना दिया. रावत को महिला टीचर की शब्दों से आपत्ति थी. ये घटना शुक्रवार की है.
अपनी शिकायत में महिला मुख्यमंत्री से ट्रांसफर नहीं किये जाने की अपील करते हुए कहा, ''मैं 25 साल से काम कर रही हूं. मेरे पति की मौत हो गई है. मेरे बच्चों को कोई देखने वाला नहीं है. मैं अपने बच्चों को अकेला नहीं छोड़ सकती हूं. मैं नौकरी भी नहीं छोड़ सकती हूं. आपको मेरे साथ न्याय करना पड़ेगा.''
टीचर की इस दलील पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि जब नौकरी शुरू की थी तो आपने क्या लिख कर दिया था? जिसपर टीचर कहती हैं कि मैंने यह भी लिखकर नहीं दिया था की मैं बनवास भोगूंगी. आपका ही नारा है बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ. ये नहीं की बनवास भेजना है.
इसी जवाब पर सीएम भड़क उठे और कहा कि अध्यापिका हो, नौकरी करती हो. ठीक से बोलो. जरा सभ्यता सीखो यार. महिला बोलती रही जिसपर गुस्साए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी सस्पेंड कर दूंगा आपको. अभी सस्पेंड हो जाएगी. जिसपर महिला ने कहा कि आप क्या सस्पेंड करेंगे मैं खुद घर बैठी हूं.
मुख्यमंत्री को गुस्सा देख तुरंत वहां तैनात सुरक्षाकर्मी पहुंचे और महिला को हिरासत में ले लिया. महिला कार्रवाई न करने की अपील करती रही लेकिन उनकी एक न सुनी गई. आग-बबुला मुख्यमंत्री ने सुरक्षाकर्मियों को सख्त लहजे में कहा कि महिला को यहां से ले जाओ बाहर. इसे कस्टडी में लो. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.