जम्मू कश्मीर: महिलाओं के लिए शौचालय बनवा रही हैं इरफाना, 'महिला दिवस' से शुरू करेंगी प्रोजेक्ट का दूसरा चरण
श्रीनगर की इरफाना एक मिसाल पेश करते हुए महिलाओं के लिए टायलेट्स बनवा रही हैं. महिला दिवस पर इरफाना इस प्रोजेक्ट के दूसरे चरण की शुरुआत करने जा रही हैं.
श्रीनगर: महिला दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सोशल मीडिया अकाउंट महिलाओं को सौंपने की पहल कर चुके हैं. वहीं महिलाओं के लिए देश-प्रदेश में कार्यक्रमों की भी तैयारी की जा रही है. वहीं कश्मीर से एक महिला ने ऐसा काम किया है जो महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ स्वच्छ भारत मिशन के लिए भी एक बड़ा योगदान है.
दरअसल श्रीनगर के नौशेरा इलाके की रहने वाली 29 साल की इरफाना ने अकेले ही श्रीनगर में महिलाओं के लिए सर्वाजनिक शौचालय बनाने का बीड़ा लिया है. इसकी शुरुआत इरफाना ने 2013 में उनके पिता के देहांत के बाद कर दी थी. पहले उनका मकसद था पिता के नाम पर कुछ जन कार्य करने का, लेकिन इस दौरान उन्होंने श्रीनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में काम करना शुरू कर दिया.
यहां उनकी पोस्टिंग सैनिटेशन विभाग में हो गई. इरफाना को पता चला कि श्रीनगर में आम लोगों के लिए सार्वजनिक शौचालय बहुत ही कम हैं और महिलाओं के लिए तो ना के बराबर हैं. इसके बाद उन्होंने म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन से इजाजत लेकर श्रीनगर के लाल चौक में महिलाओं के लिए पहला सार्वजनिक शौचालय बनवाया.
इरफाना ने कहा मुझे इस बात की शिकायत है कि मेरे काम को सरकार और अन्य एजेंसियों ने आगे नहीं बढ़ाया. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वह कश्मीर में महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालय बनाना चाहती हैं. इरफाना इसका दूसरा चरण इस साल महिला दिवस से शुरू करने जा रही हैं. उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर ईवीएएस नाम का इनिशिएटिव शुरू किया है.
इरफाना की साथी डॉक्टर शाजिया महराज के मुताबिक ईवीएएस प्रोजेक्ट का मकसद पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याओं से महिलाओं को बचाना है और इसके लिए इरफाना ने महिला टॉयलेट्स में एक किट रखने की शुरुआत भी की है. डॉक्टर शाजिया के अनुसार इस किट में महिलाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले सामान जैसे सेनेटरी नैपकिन, सैनिटाइजर, दर्द की दवाई और अन्य सामान रखा गया है ताकि महिलाओं को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े.
इरफाना का मानना है कि जहां महिलाएं अपनी केयर पर हजारों रुपये खर्च करती हैं, उन्हें आगे आकर इस प्रोजेक्ट के लिए मदद करनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि अगर कोई मदद नहीं भी करता तो वे अकेली ही ये काम करती रहेंगी. वहीं इरफाना के इस कदम की खूब सराहना हो रही है.
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