Supreme Court On Delhi Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के मामले को लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपना एफिडेविट पेश किया. इस एफिडेविट में सरकार की ओर से बताया गया कि उनकी सरकार पूर्ण लॉकडाउन लगाने को तैयार है. प्रदूषण के मामले पर जारी सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अगर दिल्ली के पड़ोसी राज्य भी अपने यहां लॉकडाउन लगाते हैं तो इसका प्रभाव और अधिक सार्थक होगा. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से इस संबंध में फैसला लेने का सुझाव दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने सुझाव में कहा कि सरकार कुछ उद्योगों, वाहनों और संयंत्रों का संचालन कुछ समय के लिए रोका सकती है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की ओर से निगमों को जिम्मेदार ठहराने के मामले पर जमकर फटकार लगाई.
1. अदालत ने केंद्र को जहरीले धुंध को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने के लिए मंगलवार को राज्यों और अन्य अधिकारियों की आपात बैठक बुलाने का भी निर्देश दिया. कोर्ट ने केन्द्र से कहा कि प्रदूषण के मसले पर बैठक बुलाए. इसके साथ ही, अब इस मामले की अगली सुनवाई परसो यानी 17 नवंबर को होगी.
2. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के जवाब को बहाना बताया और जमकर खिंचाई की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि प्रदूषण का मामला इतना गंभीर है कि दीर्घकालिक लक्ष्यों के बजाय तत्काल उपायों पर दें और राजधानी में वायु प्रदूषण की संकट को जल्द से जल्द कंट्रोल करें.
3. प्रदूषण को लेकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण खुलासा किया. सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट में बताया कि कृषि अपशिष्ट जलाने से प्रदूषण साल भर में औसतन उत्सर्जन का सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्सा होता है.
4. दिल्ली सरकार ने एक शपथ पत्र में कहा, ''जीएनसीटीडी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार) स्थानीय उत्सर्जन को काबू करने के लिए पूर्ण लॉकडाउन जैसे कदम उठाने के लिए तैयार है. बहरहाल, यह कदम तभी अर्थपूर्ण साबित होगा, यदि इसे पड़ोसी राज्यों के एनसीआर इलाकों में भी लागू किया जाता है.''
5. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी को शनिवार को ‘आपात’ स्थिति करार दिया और राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन लागू करने का सुझाव दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र एवं दिल्ली सरकार से कहा कि वे वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए आपात कदम उठाएं.
6. दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण संबंधी मामले पर सुनवाई शुरू होने से पहले आम आदमी पार्टी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के मकसद से पूर्ण लॉकडाडन जैसे कदम उठाने के लिए तैयार है.
7. पर्यावरण कार्यकर्ता आदित्य दुबे और लॉ के छात्र अमन बांका ने याचिका दायर कर छोटे और सीमांत किसानों को पराली समाप्त करने वाली मशीनें नि:शुल्क मुहैया करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है.
8. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रदूषण की स्थिति इतनी खराब है कि लोग अपने घरों के भीतर मास्क पहन रहे हैं. बेंच ने कहा था कि वायु प्रदूषण के लिये सिर्फ पराली जलाए जाने को वजह बताना सही नहीं है, इसके लिए वाहनों से होने वाला उत्सर्जन, पटाखे और धूल जैसे अन्य कारक भी जिम्मेदार हैं.