नई दिल्ली: 25 जुलाई 2012 को भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में जिम्मेदारी संभालने वाले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है. आज शाम वो राष्ट्रपति के तौर पर देश के लोगों को आखिरी बार संबोधित करेंगे. प्रणब भले ही राष्ट्रपति भवन से विदाई ले रहे हों लेकिन वह यहां अपनी यादों का एक झरोखा छोड़ते हुए जा रहे हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति भवन को कई तोहफे दिए हैं.
राष्ट्रपति भवन में प्रणब मुखर्जी का आज आखिरी दिन, शाम को करेंगे राष्ट्र के नाम संबोधन
कार्यकाल में बना हाईटेक संग्रहालय
प्रणब दा के कार्यकाल के चार साल पूरा होने के मौके पर राष्ट्रपति भवन में एक हाईटेक संग्रहालय बनाया गया. इस नए संग्रहालय का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस संग्रहालय में राष्ट्रपति भवन के निर्माण के समय से लेकर अब तक इसमें रह चुके राष्ट्रपतियों के इतिहास का वर्णन है.
राष्ट्रपति के साथ फोटो खींचाने के लिए वर्चुअल स्टूडियो
संग्रहालय में अंग्रेजी शासकों की देश में स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति प्रतिक्रिया, सत्ता का हस्तांतरण, गणतंत्र की स्थापना, 1950 से भारत के 13 राष्ट्रपतियों का जीवन और कार्यशैली, राष्ट्रपति भवन की जिंदगी, परिसर की सुंदरता और वातावरण, वहां काम करने वाले लोगों तथा महत्वपूर्ण अतिथियों आदि के बारे में जानकारी है. जो लोग राष्ट्रपति के साथ फोटो खींचना चाहते हैं उनके लिए वर्चुअल स्टूडियो भी बनाया गया था.
100 साल पूरा पियानों और ज़रदोजी कालीन
88 साल पुराने राष्ट्रपति भवन में स्टेबल्स म्यूजियम, गैराज संग्रहालय और क्लॉक टावर भी बनाया गया. इसमें विजिटर्स रिसेप्शन सेंटर, कैफेटेरिया और स्मरणिका की एक दुकान भी है. साथ ही 100 सालों पुराना एक पियानो भी यहां रखा गया है. वहीं, यहां ज़र्डोजी कालीन भी बिछाए गए हैं जो 200 कश्मीरी बुनकरों ने दो साल में बनाए थे.
तोहफे में मिलीं किताबे भी संग्रहालय का हिस्सा बनेंगी
प्रणब मुखर्जी को बागवानी, किताबें पढ़ना और संगीत पसंद है. राष्ट्रपति बनने पर मुखर्जी अपने साथ किताबों का ही अपना संग्रह राष्ट्रपति भवन लेकर आये थे. कार्यकाल के दौरान बीते पांच सालों में उन्हें जो किताबें मिली, उनमें कुछ चुनिंदा पसंद की किताबें ही मुखर्जी अपने साथ ले जाएंगे. बाकि तोहफे राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय का हिस्सा बनेंगे.
राष्ट्रपति भवन संग्रहालय को दान किए 500 पाइप
प्रणब मुखर्जी को धूम्रपान करने की आदत थी लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्हें अपनी यह आदत छोड़नी पड़ी. प्रणब दा कभी सिगरेट नहीं पीते थे. वह हमेशा सिर्फ पाइप ही लेते थे.
प्रणब दा बिना किसी निकोटिन के पाइप चबाते रहते थे ताकि उसे महसूस कर सकें. प्रणब दा के कार्यकाल के दौरान उन्हें विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी हस्तियों से तोहफे में मुखर्जी 500 से ज्यादा पाइप मिली, जिसे उन्होंने राष्ट्रपति भवन संग्रहालय को दान देने का फैसला किया है.
कार्यकाल के दौरान की 21 देशों की यात्रा
प्रणब दा ने साल 2012 के बाद से राज्य और विदेश के करीब 140 प्रमुखों की मेजबानी की है. वहीं वह उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 21 देशों की यात्रा की थी. प्रणब मुखर्जीने आखिरी बार जून में तीन अफ्रीकी देशों घाना, आइवरी कोस्ट और नामीबिया का दौरा किया था.