नई दिल्ली : कोरोना वायरस (Covid-19) अब तक 60 से अधिक देशों में पैर पसार चुका है. भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों के तीन मामले केरल, एक नोएडा, एक तेलंगाना और एक आगरा में मिले हैं. वर्ल्ड बैंक ने इस महामारी की चपेट में आए देशो की मदद के लिए 12 बिलियन डॉलर की शुरूआती मदद की घोषणा की है. वर्ल्ड बैंक ने कहा कि इस पैकेज को महामारी से लड़ने और चिकित्सकीय मदद के लिए जारी किया है.


इस नए फास्ट ट्रैक पैकेज की मदद से वर्ल्ड बैंक का लक्ष्य विकासशील देशों की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करना, अधिक से अधिक तक लोगों तक बेहतर इलाज पहुंचाना है. IDA, IBRD और IFC के मदद से पोषित इस फंड को देशों के आधार बांटा जाएगा. वर्ल्ड बैंकसमूह के अध्यक्ष डेविड मलपास ने कहा है कि हम कोरोना वायरस से निपटने के लिए विकासशील देशों के जरूरतों के मुताबिक एक बेहतर और तेज रिस्पांस प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस पैकेज में इमरजेंसी फंडिंग के अलावा पॉलिसी एडवाइस और तकनीकी मदद में शामिल है.


इसके अलावा यह पैकेज आर्थिक तौर पर कमजोर देशों को कम ब्याज पर लोन और ग्रांट भी प्रदान करेगा. वहीं मध्यय आय वाले देशों को फास्ट ट्रेक तौर पर लोन मुहैया कराएगा. अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम, वर्ल्ड बैंक समूह की निजी क्षेत्र की शाखा, अपने ग्राहकों को परिचालन जारी रखने और नौकरियों को बनाए रखने के लिए आवश्यक सहायता भी प्रदान करेंगी. वहीं वर्ल्ड बैंक इन देशो में स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने, महामारी से बचाव और इसकी रिपोर्टिंग के अलावना स्वास्थ्य कर्मियों से निपटने के लिए भी मदद करेगा.


दवाओं को मेडिकल उपकरणों की कमी से निपटने के लिए IFC सीधे तौर पर कॉर्पोरेट क्लाइंटों की भी आर्थिक मदद करेगा. इस प्रकार के कदम कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार साबित होंगे. वर्ल्ड बैंक की प्राथिमिकता में पहले ऐसे देश हैं जो आर्थिक तौर पर बेहद कमजोर हैं या फिर जिन देशों में कोरोना वायरस की गंभीरता काफी अधिक है. वर्ल्ड बैंक मदद करने के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और संक्रमित देशों के अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है.


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