World Blood Donor Day 2020: सबसे बड़ा दान है रक्तदान, आइये जानें इसके फायदे
2004 से हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जा रहा है. इसी दिन ब्लड ग्रुप्स के बारे में दुनिया को जानकारी देने वाले मशहूर साइंटिस्ट कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म भी हुआ था.
नई दिल्ली: भारतीय संस्कृति में दान को जीवन का सर्वश्रेष्ठ कर्म बताया गया है. ऐसा दान जिससे किसी का जीवन बच जाए, उसे सबसे बड़ा दान कहना गलत नहीं होगा. इसीलिए रक्तदान को जीवन का सबसे बड़ा दान कहा गया है. आइये जानें क्यों ज़रूरी है रक्तदान और क्या हैं इसके फायदे.
भारत में रक्त की कमी से हर साल होती है 30 लाख लोगों की मौत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ भारत में ही रक्त की कमी से हर साल लगभग 30 लाख लोगों की जान जाती है. जबकि अगर भारत की सिर्फ एक फीसद आबादी रक्तदान करना शुरू कर दे तो भारत में इससे एक भी मौत नहीं होगी. भले ही जनसंख्या के मामले में हम काफी आगे चल रहे हैं, लेकिन रक्तदान के मामले में भारत का नंबर काफी पीछे है. यहां तक कि हमारे पड़ोसी देश भी रक्तदान में हमसे काफी आगे हैं.
14 जून को मनाया जाता है विश्व रक्तदान दिवस
दुनियाभर में रक्त की कमी से होने वाली मौतों को रोकने के लिए ही 2004 में विश्व रक्तदान दिवस मनाने की शुरुआत हुई. इसका उद्देश्य लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करना है. इसके साथ ही इसी दिन ब्लड ग्रुप्स के बारे में दुनिया को जानकारी देने वाले मशहूर साइंटिस्ट कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म भी हुआ था.
रक्तदान करने के फायदे
रक्तदान करने से हम किसी का जीवन तो बचा ही सकते हैं, साथ ही इससे हमारे शरीर को भी काफी फायदा पहुंचता है. रक्तदान से शरीर में आयरन की मात्रा अच्छे से बनी रहती है. रक्तदान दिल के लिए फायदेमंद माना जाता है. कई रिपोर्ट में बताया गया है कि रक्तदान से दिल से संबंधित कई बीमारियां दूर होती हैं. नियमित रूप से रक्तदान करने से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा भी खत्म हो जाता है. रक्तदान करने से आप अपना वज़न भी कम कर सकते हैं, हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि आप कभी भी रक्तदान कर दें, इसे सिर्फ तीन महीनों में एक बार ही करना चाहिए. रक्तदान करने से मानसिक दबाव भी दूर होता है. इससे इम्यून सिस्टम भी मज़बूत होता है.
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