नई दिल्लीः दुनियाभर में महिलाओं और बच्चों के साथ रोजाना कई प्रकार के यौन शोषण के मामले सामने आते रहते हैं. यह अनुमान लगाया गया है कि हर दिन औसतन आठ महिलाएं, लड़कियां और अक्सर युवा लड़कों का यौन शोषण किया जाता है. दुनियाभर में आज का दिन यौन शोषण के विरुद्ध संघर्ष का विश्व दिवस के रूप में मनाया जाता है.


क्या है उद्देश्य
यौन शोषण के विरुद्ध संघर्ष का दिवस मनाए जाने का उद्देश्य महिलाओं को यौन शोषण के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए प्रेरित करना है. जिससे आने वाले समय में महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे यौन शोषण के मामलों पर लगाम लगाई जा सके. इसके साथ ही इसका मुख्य उद्देश्य यौन शोषण और वेश्यावृत्ति में लिप्त महिलाओं को बचाकर उन्हें सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित करना ही है. इसके लिए कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.


यौन शोषण दुनिया के लिए बड़ी समस्या
यौन शोषण की समस्या दुनिया भर में है, हालांकि कुछ स्थान दूसरों की तुलना में अधिक असुरक्षित हैं. इनमें दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी यूरोप और कुछ लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के क्षेत्र शामिल हैं. वेश्यावृत्ति के उद्देश्यों के लिए इन क्षेत्रों की तस्करी वाली महिलाओं को आम तौर पर तथाकथित विकसित दुनिया के देशों में ले जाया जाता है.


हर साल दस लाख मानव तस्करी
यूनिसेफ का अनुमान है कि दुनिया भर में 3 मिलियन से अधिक बच्चे वेश्यावृत्ति से प्रभावित हैं और यह बच्चे एशिया के सभी यौनकर्मियों के एक तिहाई से अधिक हैं. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) का अनुमान है कि यौन शोषण के उद्देश्यों के लिए हर साल लगभग 10 लाख लोगों की तस्करी की जाती है. 2009 में 4 मार्च को यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई के विश्व दिवस के रूप में नामित किया गया है.


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