आज पूरे दुनियाभर में विश्व हाथी दिवस(World Elephant Day) मनाया जा रहा है. विश्व हाथी दिवस की शुरूआत 12 अगस्त 2012 को हुई थी. हाथी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया के हाथियों के प्रति जागरूकता और उनके संरक्षण को बढ़ावा देना है. हाथी को राष्ट्रीय विरासत पशु भी घोषित किया जा चुका है. ऐसे में हाथियों को संरक्षण करना हर नागरिक का कर्तव्य है.


पिछले कुछ सालों में हाथियों की संक्या में बड़ी गिरावट आई है जो दुनियाभर के लिए चिंता का विषय है. भारत में हाथियों की गिनती आखिरी बार 2017 में हुई थी. उस वक्त भारत में हाथियों की कुल संख्या 30 हजार थी, पर साल दर साल यह संख्या घटते जा रही है. जो बड़ी चिंता का विषय है.


हाथियों के घटती संख्या और उनकी मौत भारत के केरल में सबसे ज्यादा होती है. केरल में हर तीसरे दिन एक हाथी मारी जाता है. हाथी को मारना या नुकसान पहुंचाना कानूनन अपराध है. ऐसा करने पर आरोपियों को वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के अनुसार जानवरों की हत्या पर 3 साल तक की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है. अगर वह व्यक्ति यह कुकृत्य दोबारा करता है तो उसे 7 साल तक की सजा हो सकती है.


हाथियों की संख्या देश में एक दशक पहले 10 लाख तक थी जो इस समय भारी गिरावट के साथ महज 27 हजार रह गई है. वहीं देश में 2 हजार हाथियों को बंधक बनाकर रखा गया है. वहीं 100 हाथियों को हर साल जान से मार दिया जाता है. इसके अलावा हर साल 500 लोगों की मौत हाथियों के साथ संघर्ष में चली जाती है.


हाथियों से जुड़े रोचक तथ्य



  • हाथी के बच्चे जन्म के महज 20 मिनट के बाद खड़े हो जाते हैं.

  • हाथी खाने के बहुत शौकीन होते है वह हर दिन लगभग 16 घंटे भोजन करने में बिताते हैं.

  • हाथी एक बार में 80 गैलन तक पानी पी सकता है

  • हाथियों के लिए कीचड़ सनस्क्रीन जैसा काम करता है, इसलिए हाथी कीचड़ में लोटना पंसद करते हैं.


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