World Heritage Day 2020: कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच आज पूरी दुनिया 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस के रूप में मना रही है. विश्व धरोहर दिवस का मुख्य उद्देश्य यह है कि पूरे विश्व में मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण के प्रति जागरूकता लाई जा सके. यह दिन लोगों को सांस्कृतिक विरासत की संवेदनशीलता और इसके महत्व को समझाता है. हमारे देश में करीब 37 धरोहरों को विश्व धरोहर का दर्जा मिला हुआ है. इस विश्व धरोहर दिवस के दिन देखिए देश की राजधानी दिल्ली की कुछ धरोहरों की शानदार तस्वीरें.


हुमायूं का मकबरा

दिल्ली में हुमायूं का मकबरा पहला भव्य शाही मकबरा है, जो मुगल वास्तुकला और स्थापत्य शैली के लिए जाना जाता है. यूनेस्को ने साल 1993 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.



कुतुबमीनार 

दक्षिणी दिल्ली में स्थित कुतुबमीनार 13वीं सदी में बना था. यूनेस्को ने इसे भी साल 1993 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.



सफदरजंग का मकबरा

सफदरजंग का मकबरा अंतिम मुगल बादशाह मुहम्मद शाह (1719-1748) के शक्तिशाली और कुशल प्रधानमंत्री सफदरजंग की स्मृति में नवाब शुजादुल्लाह ने 1754 ई.में बनवाया था. यहां सफदरजंग और उनकी बेगम की कब्र बनी हुई है. इसे आज भी मुगल वास्तु कला का उत्कृष्ट नमूना माना जाता है.



इंडिया गेट

इंडिया गेट को अखिल भारतीय युद्ध स्मारक कहा जाता है.  दिल्ली के राजपथ पर स्थित इंडिया गेट की ऊंचाई करीब 43 मीटर है. यह स्वतन्त्र भारत का राष्ट्रीय स्मारक है, जिसे पूर्व में किंग्सवे कहा जाता था. इसे साल 1931 में बनाया गया था.



जामा मस्जिद

जामा मस्जिद दिल्ली में स्थित भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है. इसका निर्माण साल 1656 में पूरा हुआ था. यह मस्जिद लाल पत्थरों और संगमरमर का बनी हुई है. जामा मस्जिद लाल किले से महज 500 मी. की दूरी पर स्थित है. इस मस्जिद का निर्माण 1650 में शाहजहां ने शुरु करवाया था. इसे बनने में साल का समय और 10 लाख रुपए लगे थे.



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