स्वदेशी पर्यटकों के लिए खोला जाएगा दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र सियाचिन, सेना बना रही है प्लान
सियाचिन में एक लंबे समय से दोनों देशों के बीच युद्धविराम है और कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है. सियाचिन के साथ साथ चीन सीमा से सटे अरूणाचल प्रदेश के तूतिंग और किबिथू को भी पर्यटकों के लिए जल्द खोला जाएगा.
![स्वदेशी पर्यटकों के लिए खोला जाएगा दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र सियाचिन, सेना बना रही है प्लान world highest battlefield siachen will be open for indian tourist, army is making a plan स्वदेशी पर्यटकों के लिए खोला जाएगा दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र सियाचिन, सेना बना रही है प्लान](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/09/28222949/siachen.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र सियाचिन अब स्वदेशी पर्यटकों की जद में आने वाला है. भारतीय सेना सियाचिन ग्लेशियर को पर्यटकों के लिए खुलने का प्लान बना रही है. अभी तक सियाचिन ग्लेशियर पूरी तरह से फौजी एरिया है जहां पर किसी भी आम नागरिक को आने की इजाजत नहीं है. शुरूआत में सियाचिन बेस कैंप के आसपास वाले इलाके को टूरिस्ट्स के लिए खोला जाएगा. निकट भविष्य में पर्वतरोही दलों को ट्रैकिंग के लिए भी खोला जा सकता है.
आपको बता दें कि पिछले 25 सालों से सियाचिन ग्लेशियर पूरी तरह से भारतीय सेना के अधिकार क्षेत्र में है. एक तरफ चीन और दूसरी पाकिस्तान होने से ये इलाका बेहद संवदेनशील है और सामरिक महत्व रखता है. वर्ष 1984 में पाकिस्तानी सेना ने इस ग्लेशियर पर चोरी-छिपे कब्जा करने का प्लान बनाया था. लेकिन भारतीय सेना को इस प्लान की भनक लग गई और भारतीय सेना ने ऑपरेशन मेघदूत छेड़ दिया. ऑपरेशन मेघदूत के तहत भारतीय सैनिक 20-25 हजार फीट की ऊंचाई पर सियाचिन ग्लेशियर पर पाकिस्तानी सेना से पहले पहुंच गए. उसके बाद दोनों सेनाओं के बीच खूनी-झड़प भी हुई लेकिन पाकिस्तानी सेना को हमेशा मुंह की खानी पड़ी. तभी से भारतीय सेना सियाचिन ग्लेशियर में 'डोमिनेट' करती है.
सियाचिन ग्लेशियर पर भारतीय सेना की चौकियां 14-15 हजार फीट की ऊंचाई से लेकर सबसे ऊंची बाना-पोस्ट करीब 24 हजार फीट की ऊंचाई पर है. यहां पर 12 महीने बर्फ रहती है और तापमान माइनस (-) 50 डिग्री तक चला जाती है. यहां पर भारतीय सैनिकों की पोस्टिंग मात्र तीन महीने की होती है, जिसे सैनिकों के लिए दुनिया की सबसे कठिन पोस्टिंग मानी जाता है.
जानकारी के मुताबिक, थलसेनआ प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने ये प्लान तैयार किया है कि सीमा से सटे वे इलाके जहां पर पर्यटकों के लिए कोई खतरा नहीं है उन्हें धीरे धीरे करके खुल दिया जायेगा. सियाचिन में एक लंबे समय से दोनों देशों के बीच युद्धविराम है और कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है. साथ ही सेना का मानना है कि सीमावर्ती वे इलाके जो भारत के अधिकार-क्षेत्र हैं वहां देशवासियों को जाने की इजाजात होनी चाहिए.
इसी कड़ी में सियाचिन ग्लेशियर को पर्यटकों के लिए खोला जाएगा. स्थानीय प्रशासन से भी इस बारे में सलाह-मशवहरा किया जायेगा. अभी तक टूरिस्ट लद्दाख की नूब्रा वैली तक जा सकते हैं, उससे आगे जाने की इजाजात नहीं है. सियाचिन के साथ साथ चीन सीमा से सटे अरूणाचल प्रदेश के तूतिंग और किबिथू को भी पर्यटकों के लिए जल्द खोला जाएगा.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)