Hindu Economy: वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन के फाउंडर और ग्लोबल चेयरमैन स्वामी विज्ञानानंद ने रविवार (4 जून) को कहा कि हिंदुओं को स्वीकार्य और सम्माननीय बनाने के लिए हिंदुओं की अर्थव्यवस्था पर काम करना जरूरी है. स्वामी विज्ञानानंद ने ये बातें गुजरात में अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन को संबोधिक करते हुए कहीं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कार्यक्रम में स्वामी विज्ञानानंद ने बैंकॉक में 24 से 26 दिसंबर के बीच होने वाली वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस 2023 के बारे में जानकारी दी.
...तो हिंदू वैश्विक पटल पर नहीं बनेंगे प्रभावशाली- स्वामी विज्ञानानंद
स्वामी विज्ञानानंद ने कहा कि हिंदुत्व और हिंदुओं को बनाए रखने के लिए हिंदू अर्थव्यवस्था पर काम करना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमें हिंदुओं को स्वीकार्य और सम्माननीय बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जब हिंदू अर्थव्यवस्था अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम नहीं करती, भारत और हिंदू वैश्विक पटल पर प्रभावशाली नहीं बन सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि इस साल के अंत में होने वाली वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस का उद्देश्य दुनिया के सभी हिंदुओं को एक वैश्विक मंच प्रदान करने का है. जहां वो अपने पसंद के मुद्दों पर अपने विचार रखें और आपसी सहयोग का विकास करें. वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन एक हिंदूवादी संगठन है.
वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस 2023 में क्या होगा?
आयोजकों के अनुसार, इस साल के अंत में होने वाली वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस 2023 में सात अलग-अलग कॉन्फ्रेंस होंगी. इनमें हिंदुओं के अंदर मूल्यों, रचनात्मकता और उद्यम की भावना जगाई जाएगी. ये सम्मेलन हिंदुओं के लिए रणनीतिक महत्व के क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे और हिंदू पुनरुत्थान के लिए हिंदू नेताओं, कार्यकर्ताओं और विचारकों के बीच सहयोग के लिए मार्ग बनाएंगे.
स्वामी विज्ञानानंज ने कहा कि इन लक्ष्यों को पाने के लिए वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस बहुत जरूरी और सार्थक है. इस सम्मेलन में अर्थव्यवस्था, शिक्षा, मीडिया, राजनीति, महिला, युवा और संस्थानों पर केंद्रित चर्चा होगी. जिसके जरिये हिंदू अर्थव्यवस्था बनाई जाएगी. उन्होंने ये तमाम बातें विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं.
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