दुनिया के कई देशों में होमियोपैथी से मरीजों का इलाज किया जाता है. यह पद्धति बेहद पुरानी और असरदार मानी जाती है. आज विश्व के कई देश इस पद्धति पर और ज्यादा रिसर्च करने में जुटे हुए हैं, साथ ही इसे किसी बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए कारगर भी बताते हैं. होमियोपैथी से कई भी प्रकार का रोग जड़ से मिटाया जा सकता है. हालांकि, इसमें थोड़ा वक्त लगता है. हर साल वर्ल्ड होमियोपैथी डे को सेलिब्रेट किया जाता है. इस दिन ना सिर्फ होमियोपैथी के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है, बल्कि कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.


वर्ल्ड होमियोपैथी डे के अवसर पर दुनियाभर के कई वैज्ञानिक एकजुट होते हैं और इसके डेवलपमेंट के बारे में विस्तार से बातचीत करते हैं. हर साल 10 अप्रैल को वर्ल्ड होमियोपैथी डे आयोजित किया जाता है. जर्मन मूल के फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन को होमियोपैथी का जनक माना जाता है. इस दिन उनकी जयंती भी मनाई जाती है. कहा जाता है कि उन्होंने ही होमियोपैथी के भविष्य के बारे में लोगों को अवगत कराया था. उन्होंने इसे आगे ले जाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इतनी ही नहीं, उन्होंने भविष्य में आने वाली चुनौतियों को हल करने की भी पूरी कोशिश की. इस खास मौके पर होमियोपैथी से जुड़ी कई बातें भी लोगों को बताई जाती है.


इस दिन लोगों को किया जाता है जागरूक


इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच होमियोपैथी के प्रति लोगों को जागरूक करना है. इस दिन लोग इसके इतिहास के बारे में भी विस्तार से जानकारी लेती हैं. इतनी ही नहीं, इस दिन होमियोपैथी से जुड़े फायदे के बारे में भी लोगों को बताया जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि होमियोपैथी ना केवल एक सुरक्षित मेडिकल पद्धति है, बल्कि इस पद्धति से इलाज कराना बेहद सस्ता भी है.


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